West Bengal Panchayat Election: हिंसा को लेकर भाजपा ने गठित की कमेटी, रविशंकर प्रसाद करेंगे नेतृत्व
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का संयोजक पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद को बनाया गया है जबकि इसमें पूर्व कमिश्नर मुंबई पुलिस और वर्तमान में सांसद डॉक्टर सत्यपाल मलिक, सांसद राजदीप रॉय और सांसद श्रीमती रेखा वर्मा शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान जबरदस्त तरीके से हिंसा देखने को मिली। इस हिंसा को लेकर राजनीति भी खूब हुई। भाजपा सहित तमाम विपक्षी दल राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर हमलावर रहे। तमाम विपक्षी दलों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हिंसा का आरोप लगाया। दूसरी और टीएमसी का भी दावा है कि विपक्षी दल राज्य में हिंसा फैला रहे हैं। हालांकि, दुख की बात तो यह है कि पंचायत चुनाव के दौरान लगभग 20 लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा जब से पंचायत चुनाव की घोषणा की थी, तब से लगातार पश्चिम बंगाल के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की खबरें आ रही थी। इस बीच भाजपा ने बड़ा कदम उठाया है।
इसे भी पढ़ें: West Bengal Panchayat Election: अधीर रंजन का ममता सरकार पर निशाना, कहा- क्यों हुई हिंसा, इसकी जांच होनी चाहिए
कमेटी का हुआ गठन
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का संयोजक पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद को बनाया गया है जबकि इसमें पूर्व कमिश्नर मुंबई पुलिस और वर्तमान में सांसद डॉक्टर सत्यपाल मलिक, सांसद राजदीप रॉय और सांसद श्रीमती रेखा वर्मा शामिल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से यह खत जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि यह कमेटी वहां के हालात को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इससे पहले भाजपा के बंगाल प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हिंसा को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर विरोध-प्रदर्शन हिंसक हुआ
अधीर रंजन की मांग
अधीर रंजन चौधरी ने अपने बयान में कहा कि हमारी तीन मांगे हैं पहला पीड़ितों को मुआवज़ा राशि दी जाए, दूसरा घायलों का पूरा इलाज कराया जाए और तीसरा इलाज के साथ-साथ वित्तीय सहायता दी जाए। उन्होंने कहा कि हमने यह भी मुद्दा उठाया कि पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा होने की पूरी संभावना थी तो पहले से राज्य सरकार की ओर से तैयारी क्यों नहीं की गई। साथ ही हिंसा क्यों हुई? इतने लोग मारे गए, इसकी सख्त रूप से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने उल्लेख किया है कि इस बात का स्पष्ट संकेत था कि हिंसा होगी। पूर्व सूचना के तौर पर सरकार ने मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द करने का कदम उठाया... इसका मतलब है कि राज्य सरकार को इसकी अच्छी तरह से आशंका थी। मरने वालों की संख्या बढ़ रही है। मैं न्यायपालिका से जांच करने का आग्रह करता हूं। आखिर क्यों हुई ऐसी हिंसा।
अन्य न्यूज़