जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती को परिसीमन पर नहीं है भरोसा, बोलीं- जनसंख्या के आधार की अनदेखी की गई
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि परिसीमन क्या ? जो भाजपा का एक विस्तार बन गया है ? इसने जनसंख्या के आधार की अनदेखी की और उनकी इच्छा के अनुसार काम किया। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। हमें इस पर भरोसा नहीं है। इसकी सिफारिशें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की एक कड़ी है।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि देश में आज 1947 जैसे हालात धीरे-धीरे बनते जा रहे हैं जो कि बेहद खतरनाक है। इसके साथ ही उन्होंने परिसीमन आयोग के संबंध में भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि परिसीमन क्या? जो भाजपा का एक विस्तार बन गया है ? दरअसल, परिसीमन आयोग ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से एक दिन पहले केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा सीटों के पुनर्निर्धारण से संबंधित अपने अंतिम आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।
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भाईचारे में है देश की सुंदरता
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि देश में आज 1947 जैसे हालात धीरे-धीरे बनते जा रहे हैं जो कि बेहद खतरनाक है। यह सभी धर्मों के लिए एक आम राष्ट्र है, इसकी सुंदरता इसके भाईचारे में है। अगर भाजपा इसे संविधान के अनुसार नहीं बल्कि अपने एजेंडे के अनुसार चलाती है तो आने वाले समय में कोई भी सुरक्षित नहीं होगा। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने परिसीमन आयोग के विषय पर भी खुलकर अपनी बात रखी।
Today 1947-like situation is gradually being formed in the country. It's very dangerous. It's a common nation for all religions, its beauty lies in this brotherhood.If BJP runs it as per their agenda¬ as per Constitution,in the time to come nobody would be safe: Mehbooba Mufti pic.twitter.com/fKxMPTMIzS
— ANI (@ANI) May 5, 2022
पीडीपी प्रमुख ने कहा कि परिसीमन क्या ? जो भाजपा का एक विस्तार बन गया है ? इसने जनसंख्या के आधार की अनदेखी की और उनकी इच्छा के अनुसार काम किया। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। हमें इस पर भरोसा नहीं है। इसकी सिफारिशें अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की एक कड़ी है कि कैसे जम्मू-कश्मीर के लोगों को शक्तिहीन किया जाए।
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आपको बता दें कि परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव का दिया है। परिसीमन आयोग का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में कुल 7 सीटें बढ़ाई जानी चाहिए। इस प्रस्ताव के अमल में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी। इसके अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 24 सीटें हैं, जो हमेशा रिक्त रहती हैं। पहली बार अनुसूचित जनजातियों के लिए 9 सीटों का प्रस्ताव किया गया है।
What delimitation? One that has become an extension of BJP? That overlooked the basis of population & acted as per their wish. We outrightly reject it. We don't trust it. Its recommendations are a link to abrogation of Article 370 - how to disempower people of J&K: Mehbooba Mufti https://t.co/tlkIJUJs3S pic.twitter.com/XqA1kFLbAq
— ANI (@ANI) May 5, 2022
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