वक्फ संशोधन विधेयक धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला : वाई एस शर्मिला रेड्डी

YS Sharmila Reddy
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह विधेयक न केवल मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का अनादर करता है, बल्कि सरकार को वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करने और उन्हें मोदी के सहयोगियों को देने की अनुमति भी देता है।

कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई कीप्रमुख वाई एस शर्मिला रेड्डी ने बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक की निंदा करते हुए इसे संविधान के तहत मुसलमानों को दी गई धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करने का प्रयास बताया।

रेड्डी ने वक्फ संशोधन विधेयक को अल्पसंख्यकों को दबाने की साजिश और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन बताया। आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) की अध्यक्ष ने दावा किया कि यह विधेयक मुस्लिम भावनाओं को कथित रूप से ठेस पहुंचाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एजेंडे का हिस्सा है। उन्होंने इसे भारत के लिए काला दिन और धार्मिक रूप से नफरत भड़काने का एक साधन बताया।

शर्मिला रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ वक्फ संशोधन विधेयक के प्रावधान सरकारी अधिकारियों को वक्फ संपत्तियों और 300 साल पुरानी संपत्तियों के लिए आवश्यक दस्तावेजों की निगरानी करने की अनुमति देते हैं, जो बेहद चिंताजनक है। यह शर्त कि वक्फ की जमीन प्राप्त करने से पहले व्यक्तियों को पांच साल तक इस्लामी प्रथाओं का पालन करना होगा, अस्वीकार्य है।’’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह विधेयक न केवल मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का अनादर करता है, बल्कि सरकार को वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करने और उन्हें मोदी के सहयोगियों को देने की अनुमति भी देता है।

शर्मिला ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और जन सेना द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक करार दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के पाखंड की आलोचना की और वक्फ संपत्तियों पर उनके विरोधाभासी रुख का भी उल्लेख किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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