विकास दुबे का खजांची जयकांत बाजपेयी गिरफ्तार, गैंगस्टर की काली कमाई के खुलेंगे राज!
विकास दुबे के खजांची के रूप में मशहूर जयकांत पिछले 16 दिन से कथित रूप से पुलिस की हिरासत में था। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जयकांत पर आपराधिक साजिश करने और विकास दुबे को बिकरू मुठभेड़ से पहले दो लाख रूपये तथा रिवाल्वर के 25 कारतूस देने का आरोप है।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानुपर जिले के नजीराबाद पुलिस ने मारे गये कुख्यात अपराधी विकास दुबे के खास सहोगी जयकांत बाजपेयी और उसके दोस्त को सोमवार तड़के गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। विकास दुबे के खजांची के रूप में मशहूर जयकांत पिछले 16 दिन से कथित रूप से पुलिस की हिरासत में था। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जयकांत पर आपराधिक साजिश करने और विकास दुबे को बिकरू मुठभेड़ से पहले दो लाख रूपये तथा रिवाल्वर के 25 कारतूस देने का आरोप है। इसमें कहा गया है कि आज सुबह उसे गिरफ्तार किया गया है। बयान में कहा गया है कि विवेचना में पाया गया कि जयकांत बाजपेयी और उसके दोस्त प्रकाश शुक्ला ने बिकरू कांड से पहले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घटना को अंजाम देने के षडयंत्र में संलिप्त रह कर मदद की। इसमें कहा गया है कि एक जुलाई को विकास दुबे ने जयकांत बाजपेयी को फोन किया, इसके बादउसने अपने साथी प्रशांत शुक्ला के साथ दो जुलाई को बिकरू गांव पहुंचकर विकास दुबे को दो लाख रूपये नकद एवं रिवाल्वर के 25 कारतूस दिये और घटना को अंजाम देने में उसकी सहायता की।
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पुलिस ने बयान में आगे बताया कि योजना के मुताबिक बाजपेयी और उसके साथी ने विकास दुबे व उसके गिरोह को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिये तीन लग्जरी गाड़ियों चार जुलाई को लेकर जा रहा था और पुलिस की सक्रियता की वजह से उनलोगों ने तीनो वाहनों को काकादेव थाना क्षेत्र में छोड़ गया था। बयान के मुताबिक सोमवार को पुष्टि कारक साक्ष्य उपलब्ध होने के बाद दोनों को विभिन्न आपराधिक धाराओं में गिरफ्तार कर लिया गया है। अभियुक्त जयकांत बाजपेयी के द्वारा लाइसेंस प्राप्त कारतूसों को विकास दुबे गैंग को दिये गये, इसके फलस्वरूप बाजपेयी के खिलाफ हथियार अधिनियम के तहत भी अभियोग पंजीकृत किया गया है। गौरतलब है कि दो तीन जुलाई की देर रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू निवासी दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उसके गांव पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर उसने हमला कर दिया जिसमें एक क्षेत्राधिकारी, थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गये थे।मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक आम नागरिक घायल हो गये थे। बाद में पुलिस मुठभेड़ में विकास दुबे भी मारा गया था।
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