भारत दौरे पर पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री,अफगानिस्तान, हिंद प्रशांत क्षेत्र इन मुद्दों पर होगी चर्चा
भारत में अमेरिकी दूतावास द्वारा संवाददाताओं के साथ साझा किए गए तथ्य पत्र में कहा गया, ‘‘भारत एक अग्रणी वैश्विक शक्ति और हिन्द-प्रशांत तथा इससे भी आगे अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार है।’’
नयी दिल्ली। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दो दिवसीय भारत यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे। इस दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा अफगानिस्तान में तेजी से बदल रही सुरक्षा स्थिति पर विमर्श और क्वाड तंत्र के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को विस्तारित करने जैसे विषयों पर चर्चा करेंगे। ब्लिंकन की नयी दिल्ली यात्रा के साथ ही वाशिंगटन ने भारत को एक ‘‘अग्रणी वैश्विक शक्ति और अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार’’ करार दिया। इस बीच, चीन के कुछ कदमों को लेकर अमेरिका ने एक तरह से अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया और अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध का हवाला देकर भारत के खिलाफ आक्रमकता के साथ ही विवादों को शांतिपूर्वक हल नहीं करने को लेकर चीन की अनिच्छा के बारे में बात की। सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय सामरिक अध्ययन संस्थान में ऑस्टिन ने कहा, दुर्भाग्यवश, बीजिंग ना केवल जल क्षेत्र संबंधी कानूनों का सम्मान करने और इससे जुड़े विवादों को शांतिपर्वूक हल करने का अनिच्छुक है बल्कि हमने भारत के खिलाफ भी आक्रमकता देखी है...अस्थिर करने वाली सैन्य गतिविधियां और ताइवान के लोगों के खिलाफ दूसरी तरह की दंडात्मक कार्रवाई....और शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध। बुधवार को ब्लिंकन विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ गहन चर्चा करेंगे और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिलेंगे। दो देशों के अपने दौरे के तहत कुवैत रवाना होने से पहले उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलने का कार्यक्रम है। अमेरिकी विदेश विभाग ने ब्लिंकन के नयी दिल्ली पहुंचने के बाद मंगलवार को एक तथ्य पत्र में कहा कि अमेरिका भारत के ‘‘अग्रणी वैश्विक शक्ति’’ के रूप में उभरने का समर्थन करता है और रणनीतिक हिन्द-प्रशांत को शांति, स्थिरता का क्षेत्र बनाने में व्यापक साझेदार के रूप में उसकी भूमिका को स्वीकार करता है। भारत में अमेरिकी दूतावास द्वारा संवाददाताओं के साथ साझा किए गए तथ्य पत्र में कहा गया, ‘‘भारत एक अग्रणी वैश्विक शक्ति और हिन्द-प्रशांत तथा इससे भी आगे अमेरिका का महत्वपूर्ण साझेदार है।’’
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उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘भागीदारी साझा मूल्यों, पारस्परिक हितों और सद्भावना में निहित है। अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन का दिल्ली पहुंचने पर स्वागत है।’’ भारत रवाना होने से पहले ब्लिंकन ने कहा कि वह हिन्द-प्रशांत एवं पश्चिम एशिया में अपने साझा हितों के मद्देनजर सहयोग को और विस्तारित करने के लिए अपने भारतीय साझेदारों के साथ चर्चा करने को उत्सुक हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नयी दिल्ली और कुवैत सिटी की अपनी यात्रा पर रवाना हो रहा हूं। हिन्द-प्रशांत एवं पश्चिम एशिया में अपने साझा हितों के मद्देनजर सहयोग को और विस्तारित करने के लिए अमेरिका के साझेदारों के साथ चर्चा करने को उत्सुक हूं।’’ ब्लिंकन शाम लगभग सात बजे भारत पहुंचे। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी मीडिया परामर्श में कहा गया कि ब्लिंकन दिल्ली में 20 घंटे से थोड़ा अधिक समय तक रहेंगे। जयशंकर के साथ उनकी बैठक दोपहर 12 बजे शुरू होगी और वह प्रधानमंत्री से शाम 4:30 बजे मिलेंगे। ब्लिंकन के भारत से शाम 5:30 बजे रवाना होने का कार्यक्रम है। अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद ब्लिंकन की यह पहली और जनवरी में बाइडन प्रशासन के सत्ता में आने के बाद उसके किसी उच्चस्तरीय अधिकारी की तीसरी भारत यात्रा है। उनसे पहले मार्च में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन तथा अप्रैल में जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जॉन केरी ने भारत की यात्रा की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के एजेंडे की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने तथा अफगानिस्तान में तेजी से बदल रही सुरक्षा स्थिति पर विमर्श और क्वाड तंत्र के तहत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को विस्तारित करने जैसे विषयों पर गहन चर्चा होगी।
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