Prabhasakshi NewsRoom: चाचा Pawar ने ठुकराई भतीजे Ajit की अपील, बोले- BJP का साथ कभी नहीं दे सकता

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अजित पवार ने शरद पवार से आग्रह किया कि पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का जो निर्णय लिया है उस पर अपनी सहमति जताएं और एनसीपी को विभाजित नहीं होने दें। राकांपा के अन्य मंत्रियों ने भी ऐसा ही आग्रह किया लेकिन पवार ने चुप्पी साधे रखी थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा है कि वह भाजपा को समर्थन नहीं दे सकते और विकासशील राजनीति की विचारधारा पर आगे बढ़ते रहेंगे। पवार का यह बयान उनके भतीजे अजित की उस अपील के बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने अपने चाचा से नाराजगी छोड़कर भाजपा के साथ आने की अपील की थी। हम आपको बता दें कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अपने गुट में शामिल कई अन्य मंत्रियों के साथ मुंबई में रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की थी। राकांपा के दोफाड़ होने के बाद अजित पवार गुट और शरद पवार के बीच यह पहली बैठक थी। अजित पवार ने राकांपा मंत्रियों- हसन मुशरिफ, छगन भुजबल, अदिति तटकरे और दिलीप वाल्से पाटिल के साथ राज्य सचिवालय 'मंत्रालय' के पास स्थित वाईबी चव्हाण केंद्र में शरद पवार से मुलाकात की थी। शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता जितेंद्र अवहाड भी वाईबी चव्हाण केंद्र में हुई इस बैठक में पहुंचे थे। हम आपको यह भी याद दिला दें कि इससे पहले, शुक्रवार को अजित पवार ने राकांपा प्रमुख के ‘सिल्वर ओक’ स्थित आधिकारिक आवास में जाकर अपनी चाची प्रतिभा पवार से मुलाकात की थी जिनकी एक अस्पताल में सर्जरी हुई है। अजित को अपनी चाची का काफी नजदीकी समझा जाता है और चाची ने ही अजित को वर्ष 2019 में राकांपा में वापस लाने में अहम भूमिका निभाई थी।

बताया जा रहा है कि रविवार की बैठक के दौरान अजित पवार ने शरद पवार से आग्रह किया कि पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने का जो निर्णय लिया है उस पर अपनी सहमति जताएं और एनसीपी को विभाजित नहीं होने दें। राकांपा के अन्य मंत्रियों ने भी ऐसा ही आग्रह किया लेकिन पवार ने चुप्पी साधे रखी। बैठक के बाद अजित पवार ने मीडिया से बातचीत में कहा भी था कि हमने शरद पवार जी को मनाने की कोशिश की। उन्होंने हमारी बात ध्यान से सुनी मगर कोई जवाब नहीं दिया। बैठक के दौरान सांसद प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। उन्होंने भी मीडिया से बातचीत में कहा था कि शरद पवार हम सबके लिए एक आदर्श की तरह हैं और वह आशीर्वाद लेने के लिए उनसे मिले थे। प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘‘हमने शरद पवार से राकांपा को एकजुट रखने का अनुरोध किया। हमने उनसे अगले कुछ दिनों में हमारे अनुरोध के बारे में सोचने और हमारा मार्गदर्शन करने के लिए भी कहा। उन्होंने चुपचाप हमारी बात सुनी, लेकिन कुछ नहीं कहा।’’ मगर अब जो पवार का बयान सामने आया है वह दर्शा रहा है कि राकांपा का एकजुट होना मुश्किल है।

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शरद पवार ने साफ कह दिया है कि भाजपा का कभी भी समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा है कि हमारी पार्टी अपनी विचारधारा से कभी नहीं डिगेगी। उन्होंने कहा है कि हम पार्टी को फिर से खड़ा करने का प्रयास करेंगे। इस बीच, खबर आई कि शरद पवार विपक्षी दलों की बैंगलुरु में आयोजित बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे जिससे तमाम तरह की अटकलों को बल मिला लेकिन अब उनके नेतृत्व वाली राकांपा ने साफ कर दिया है कि शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने बैंगलुरु जाएंगे।

इस बीच, महाराष्ट्र विधानसभा सत्र की आज हंगामेदार शुरुआत हुई। महा विकास अघाड़ी के विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा सत्र से पहले विभिन्न मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हम आपको यह भी बता दें कि विपक्षी खेमे में शामिल शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) ने विधानसभा के मॉनसून सत्र की पूर्व संध्या पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से रविवार को आयोजित चाय पार्टी का बहिष्कार किया था। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि वे उम्मीद खो चुके हैं और भ्रमित हैं। शिंदे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में विपक्षी दल शायद ही कहीं दिखते हैं और लोगों को उनकी तलाश करनी पड़ेगी।

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