टीआरपी हेराफेरी मामला: रिपब्लिक टीवी के तीन कर्मचारियों को अग्रिम जमानत मिली
टीआरपी हेराफेरी मामले में रिपब्लिक टीवी के तीन कर्मचारियों को अग्रिम जमानत मिल गई है।अदालत ने सोमवार को याचिकाओं पर सुनवाई की। वकील ने बताया कि बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए डी देओ ने अग्रिम जमानत याचिकाएं स्वीकार कर लीं।
मुंबई। मुंबई की एक सत्र अदालत ने टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) में कथित तौर पर हेराफेरी करने के मामले में रिपब्लिक टेलीविजन के तीन कर्मचारियों को बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी। तीन कर्मचारियों-शिवेन्दु मुल्हेरकर,रंजीत वाल्टर और शिवासुब्रमण्यम सुंदरम ने पिछले वर्ष नवंबर-दिसंबर में अदालत में याचिका दाखिल की थी। उनके वकील विक्रम कामथ ने यह जानकारी दी। अदालत ने सोमवार को याचिकाओं पर सुनवाई की। वकील ने बताया कि बुधवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए डी देओ ने अग्रिम जमानत याचिकाएं स्वीकार कर लीं।
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याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ कोई आधार (गिरफ्तारी का)नहीं है और मामले में दर्ज प्राथमिकी में उनका नाम नहीं है। कामथ ने अदालत में अपनी दलील में कहा कि इसके बाद एक आरोप पत्र दाखिल किया गया और उन्हें आरोपित किया गया। इसलिए जो भी सामग्री है, वह अदालत के सामने है, इसलिए हिरासत में ले कर पूछताछ करने की जरूरत नहीं है। इस वर्ष जून में इस मामले में दाखिल किए गए एक पूरक आरोप पत्र में मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी के साथ ही तीन लोगों को आरोपी बनाया था।
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गौरतलब है कि कथित फर्जी टीआरपी घोटाला मामला पिछले वर्ष अक्टूबर माह में सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल‘(बार्क) ने हंस रिसर्च ग्रुप (एचआरजी) के जरिए यह शिकायत दर्ज कराई कि एक खास टीवी चैनल टीआरपी नंबरों के साथ हेराफेरी कर रहा है। पुलिस ने इस संबंध में बार्क और रिपब्लिक टीवी के शीर्ष अधिकारियों सहित 24 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें से अधिकतर लोगों को जमानत मिल चुकी है।
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