उत्तरपूर्वी दिल्ली में फिर भड़की हिंसा, अबतक 10 लोगों की मौत, चारों तरफ छाया रहा धुएं का गुबार
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए को लेकर हुई सांप्रदायिक झड़प के एक दिन बाद फिर से हिंसा भड़क गई और आगजनी के बाद धुएं का गुबार कई जगह से उठता देखा गया। सड़कों पर भीड़ बिना किसी रोक-टोक के नजर आई। भीड़ में शामिल लोग पत्थर बरसा रहे थे, दुकानों में तोड़फोड़ कर रहे थे और स्थानीय लोगों को धमकाया गया।
नयी दिल्ली। उत्तर पूर्वी दिल्ली में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई सांप्रदायिक झड़प के एक दिन बाद मंगलवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई और आगजनी के बाद धुएं का गुबार कई जगह से उठता देखा गया। सड़कों पर भीड़ बिना किसी रोक-टोक के नजर आई। भीड़ में शामिल लोग पत्थर बरसा रहे थे, दुकानों में तोड़फोड़ कर रहे थे और स्थानीय लोगों को धमका रहे थे। बीते दो दिनों में हिंसा में 10 लोग मारे गए हैं। शहर के उत्तरपूर्वी इलाके में बढ़ते तनाव के बीच दंगाइयों ने गोकलपुरी में दो दमकलगाड़ियों में तोड़फोड़ की और मौजपुर में भड़काऊ नारेबाजी के दौरान एक बाइक को भी आग के हवाले कर दिया।
सड़कों पर जगह-जगह पड़े ईंट-पत्थर और जले हुए टायर यहां हुई हिंसा की गवाही दे रहे थे जिसने सोमवार को सांप्रदायिक रंग ले लिया और इस दौरान 48 पुलिसकर्मियों समेत करीब 150 लोग घायल हो गए। राष्ट्रीय राजधानी में जारी हिंसा के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर चर्चा करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की एक बैठक बुलाई। इसमें शहर में शांति बहाली के लिए राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के हाथ मिलाने और सभी इलाकों में शांति समितियों को फिर से सक्रिय करने का भी संकल्प लिया गया।
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हिंसा प्रभावित इलाकों में लाठी, पत्थरों और रॉड से लैस उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। मौजपुर में दंगाइयों ने सड़क पर लोगों की पिटाई की और ई-रिक्शा व अन्य वाहनों पर भी अपना गुस्सा निकाला। कई पत्रकारों से भी धक्का-मुक्की की गई और उन्हें वापस जाने को कहा गया। इलाके में तनाव कायम होने के चलते स्कूल बंद है और डर के कारण लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गयी है, जिसके तहत चार या उससे ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठे होने पर रोक है।
Delhi: The latest visuals from violence-hit Bhajanpura area; Section 144 has been imposed in parts of North East Delhi #DelhiViolence pic.twitter.com/nJjptDzUf7
— ANI (@ANI) February 25, 2020
मौजपुर में नाम न जाहिर करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘‘इलाके में पुलिस की मौजूदगी बमुश्किल नजर आ रही है। दंगाई घूम रहे हैं, लोगों को धमका रहे हैं और दुकानों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। परिवारों को निकाले जाने की जरूरत है। हम अपने ही घरों में असुरक्षित हैं।’’ मौजपुर में इस हिंसा के साक्षी बने एक स्थानीय निवासी ने बताया कि यहां दंगों जैसी स्थिति उन्होंने 35 साल में पहली बार देखी है। उन्होंने कहा, ‘‘ इस इलाके में हमेशा शांति रही है।’’
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पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को जाफराबाद, मौजपुर, चांदबाग, खुरेजी खास और भजनपुरा में हुई हिंसा में 48 पुलिस कर्मी ओर 98 नागरिक घायल हो गए। इस इलाके में आग बुझाने पहुंचे तीन दमकल कर्मी भी घायल हो गए। हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़ कर नौ हो गई है। जीटीबी अस्पताल के मुताबिक मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। मारे गए लोगों में घोंडा के रहने वाले विनोद कुमार भी है। उसे मृत हालत में अस्पताल लाया गया था और उसका शव जग प्रवेश अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया है।
इस हिंसा में कर्दमपुरी में रहने वाले मोहम्मद फुरकान की भी जान चली गई। उसके भाई मोहम्मद इमरान ने बताया कि फुरकान की 2014 में शादी हुई थी और उसके दो बच्चे थे। उसने बताया कि फुरकान अपने बच्चों के लिये खाने का सामान लेने गया था तभी उसे गोली लग गई। उसने बताया कि जब वह जीटीबी अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि उसके भाई की मौत हो चुकी है। इमरान ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा के ट्वीट को इसके लिये जिम्मेदार बताया जिन्होंने दिल्ली पुलिस को प्रदर्शनकारियों से सड़क खाली करवाने के लिये चेतावनी देते हुए कहा था कि लोग सिर्फ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत से जाने तक शांत हैं।
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इमरान ने कहा, ‘‘इससे पहले सबकुछ शांत था।’’ वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय राजधानी में होने के कारण दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। अर्धसैनिक बल के जवानों की मदद ली जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी सौहार्द बहाल करने के लिए स्थानीय शांति समितियों की मदद ले रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ असामाजिक तत्वों से मौके पर ही कड़ाई से निपटा जा रहा है।’’ अभी तक इस संबंध में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को सभी से हिंसा में शामिल नहीं होने की अपील की और जिलों के मजिस्ट्रेटों को शांति मार्च आयोजित करने तथा सभी धर्म के लोगों के साथ बैठकें करने का निर्देश दिया। केजरीवाल ने इस संबंध में हिंसा प्रभावित इलाकों के सभी दलों के विधायकों और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। दिल्ली मेट्रों की पिंक लाइन के पांच स्टेशनों को लगातार दूसरे दिन हिंसक प्रदर्शनों के चलते बंद रखा गया।
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