Indian Railways के इस कदम से उड़ेगी चीन की नींद, तवांग तक होगा रेलवे नेटवर्क का विस्तार
दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर स्थित अरुणाचल प्रदेश में भी रेलवे अपने नेटवर्क को विस्तार करने की योजना बना रहा है। सबसे खास बात यह है कि रेलवे की ओर से तवांग समेत अरुणाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों में विस्तार की योजना बनाई गई है। इसके लिए भारतीय रेलवे ने अपना अंतिम सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया है।
देश के बॉर्डर इलाकों में लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर का काम तेज गति से किया जा रहा है। तवांग बॉर्डर वाले इलाके में कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है। सड़क के साथ-साथ वहां रेल यातायात पर भी ध्यान दिया जा रहा है। दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर स्थित अरुणाचल प्रदेश में भी रेलवे अपने नेटवर्क को विस्तार करने की योजना बना रहा है। सबसे खास बात यह है कि रेलवे की ओर से तवांग समेत अरुणाचल प्रदेश के अन्य हिस्सों में विस्तार की योजना बनाई गई है। इसके लिए भारतीय रेलवे ने अपना अंतिम सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया है। जानकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पहले ही अंतिम स्थान सर्वेक्षण रिपोर्ट उच्च अधिकारी को भेज दिया है। भारत का यह कदम चीन को बिल्कुल भी पसंद नहीं आने वाला है।
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दरअसल, भारतीय रेलवे की इस कनेक्टिविटी की वजह से भारत-चीन सीमा पर रक्षा रणनीति पर भारतीय सेना को अपने सामानों तथा उपकरणों को भेजने में काफी मदद मिलेगी। हाल में ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच तवांग में झड़प की खबर भी आई थी। ऐसे में रेलवे का यह विस्तार रणनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसको लेकर पहले ही रक्षा मंत्रालय के साथ एक महत्वपूर्ण बातचीत हो चुकी है। इस बात की जानकारी पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता ने दी है। इसके अलावा दो अन्य परियोजनाओं पर भी सहमति बनी है। एक मेचुका तक बामे-आलो और दूसरी परियोजना पासीघाट-परशुराम-वाकरो है।
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