इन चेहरों की हो सकती है मोदी कैबिनेट में एंट्री, कई नेताओं को बुलाया गया दिल्ली
सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि कई नामों की सूची तैयार कर ली गई है। कई लोगों को दिल्ली आने के लिए फोन तक किया जा चुका है। नारायण राणे, सर्वानंद सोनेवाल को दिल्ली बुला लिया गया है। आज जेपी नड्डा भी अपना हिमाचल प्रदेश का दौरा खत्म कर दिल्ली लौट रहे हैं।
मोदी कैबिनेट में विस्तार और बदलाव को लेकर माथापच्ची लगातार जारी है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई दौर की बैठक हो चुकी है। कई बैठकों में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल रहे हैं। कई दिनों तक चली घंटों की बैठकों के बाद कैबिनेट विस्तार को लेकर अंतिम निर्णय लिया गया है। हालांकि, विस्तार कब होगा इसके बारे में फिलहाल बहुत ज्यादा कुछ सामने नहीं है। हालांकि सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि आने वाले 1 या 2 दिन में कैबिनेट विस्तार हो जाएगा। आपको बता दें कि 2019 में दूसरी बार चुनकर आने के बाद यह पहला मौका होगा जब मोदी कैबिनेट का विस्तार होगा।
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सूत्र यह दावा कर रहे हैं कि कई नामों की सूची तैयार कर ली गई है। कई लोगों को दिल्ली आने के लिए फोन तक किया जा चुका है। नारायण राणे, सर्वानंद सोनेवाल को दिल्ली बुला लिया गया है। आज जेपी नड्डा भी अपना हिमाचल प्रदेश का दौरा खत्म कर दिल्ली लौट रहे हैं। वर्तमान में देखें तो मौजूदा मंत्री परिषद में कुल 53 मंत्री हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुल 57 मंत्रियों ने 2019 में शपथ ली थी। लेकिन अकाली दल और शिवसेना के अलग होने के बाद दो मंत्री कम हुए जबकि रामविलास पासवान और सुरेश अंगड़ी का निधन हो गया है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि कई नेताओं की मंत्रिमंडल से छुट्टी भी हो सकती है जबकि कई मंत्रियों के विभागों में बदलाव किए जा सकते है।
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फिलहाल कैबिनेट मंत्री को लेकर जिन नामों की सबसे ज्यादा है उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्वानंद सोनेवाल, सुशील कुमार मोदी और वरुण गांधी हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले साल ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। इसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और शिवराज सिंह चौहान भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री बने थे। असम में हिमंता बिस्व सरमा को मुख्यमंत्री बनाने के बाद सर्वानंद सोनेवाल को दिल्ली बुलाया जाएगा। बिहार की राजनीति से सुशील मोदी को दूर किया गया और उन्हें दिल्ली राज्य सभा के जरिए लाया गया। ऐसे में उनका भी मंत्री बनना तय है। आक्रामक तेवरों के लिए प्रसिद्ध वरुण गांधी को भी मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। पीलीभीत से सांसद है। मेनका गांधी को कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में वरुण गांधी की संभावनाएं ज्यादा है।
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भाजपा अपनी सहयोगी जदयू को भी मंत्रिपरिषद में शामिल कर सकती है। जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम सबसे आगे रेस में चल रहा है। लेकिन नीतीश कुमार कम से कम केंद्र में तीन मंत्री पद चाहते हैं। अगर ऐसा होता है तो जदयू कोटे से ललन सिंह और संतोष कुशवाहा भी मंत्री बन सकते हैं। लोजपा में बगावत के बाद पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किया जा सकता है। अपनी राजनीतिक कौशल के जरिए अलग पहचान बना चुके भूपेंद्र यादव को भी मंत्री बनाया जा सकता है। वह लगातार बिहार से जुड़े हुए रहे हैं। हाल में ही तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले दिनेश त्रिवेदी को भी मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। दिनेश त्रिवेदी मनमोहन सिंह की सरकार में भी रेल मंत्री रह चुके हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी अश्विनी वैष्णव को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। अश्विनी वैष्णव अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव रहे हैं। बैजयंत पांडा को भी केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। वह भाजपा के फिलहाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और प्रवक्ता की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
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दिल्ली के एक सांसद को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में सबसे आगे नाम मीनाक्षी लेखी और मनोज तिवारी का चल रहा है। जबकि दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटी और बीड से सांसद प्रीतम मुंडे को भी मंत्री बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे भी मंत्री पद की रेस में आगे चल रहे हैं। कैबिनेट विस्तार में उत्तर प्रदेश को लेकर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के कई नामों पर विचार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भी मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि स्वतंत्र देव सिंह को केंद्र में बुलाया जा सकता है। महाराजगंज से सांसद पंकज चौधरी का भी नाम आगे चल रहा है। इसके अलावा रमापति त्रिपाठी का भी नाम मंत्री पद की रेस में है। मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा कैलाश विजयवर्गीय और जबलपुर से सांसद राकेश सिंह का भी नाम मंत्री पद की रेस में आगे चल रहा है। राज्यसभा सांसद अनिल जैन, राजस्थान के सबसे युवा सांसद राहुल कस्वां, कर्नाटक के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर और संसद में अपने भाषण के लिए मशहूर हुए लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल शामिल हैं।
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