पाकिस्तान के खिलाफ चौकन्ना रहने की जरूरत है: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘कई युद्धों में भारत के हाथों शिकस्त खाने के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद को सरकारी नीति पर चलता है। पाकिस्तान में चरमंपथी तत्व इतने मजबूत हैं कि राजनीति के केंद्र में बैठे लोग उनके हाथों की कठपुतलियों से ज्यादा कुछ नहीं लगते।’’
देहरादून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत की कोई अतिरिक्त क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं नहीं हैं लेकिन उन्होंने सशस्त्र बलों से पाकिस्तान के खिलाफ चौकन्ना रहने को कहा जो ‘‘आतंकवाद की सरकारी नीति पर चलता है। ’’ यहां भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए सिंह ने सशस्त्र बल में शामिल हुए कैडटों से शनिवार को सेवा एवं शांति का संदेश दुनिया तक ले जाने लेकिन साथ ही पाकिस्तान जैसे पड़ोसी से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा। सिंह ने कहा, ‘‘कई युद्धों में भारत के हाथों शिकस्त खाने के बावजूद पाकिस्तान आतंकवाद को सरकारी नीति पर चलता है। पाकिस्तान में चरमंपथी तत्व इतने मजबूत हैं कि राजनीति के केंद्र में बैठे लोग उनके हाथों की कठपुतलियों से ज्यादा कुछ नहीं लगते।’’
इसे भी पढ़ें: राजनाथ सिंह के काफिले के सामने लेटा व्यक्ति, फिर की अनोखी मांग
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास गवाह है कि भारत की अतिरिक्त क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाएं नहीं रही हैं। वह अपने पड़ोसी के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों में यकीन रखता है लेकिन हमें पाकिस्तान जैसे पड़ोसी से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।’’ 9/11 और 26/11 के सरगनों के पाकिस्तान में पाए जाने का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘26/11 के दोषियों को तब न्याय मिलेगा जब आतंक के सरगनाओं को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि भारत और चीन की क्षेत्रीय अवधारणाएं एक-दूसरे से अलग हो सकती हैं लेकिन चीन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बाकी दुनिया के साथ खड़ा है। उन्होंने चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के दौरान संयम के साथ-साथ इच्छाशक्ति दिखाने के लिए भी भारतीय सुरक्षा बल की प्रशंसा की। सशस्त्र बलों में शामिल हुए कैडटों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आपके प्रशिक्षण ने न केवल आपको शक्ति दी है बल्कि आपके जीवन को भी नया अर्थ दिया है।’’
इसे भी पढ़ें: 370 खत्म करने वाले विधेयक की तरह ही महत्वपूर्ण है नागरिकता संशोधन विधेयक: राजनाथ
रक्षा मंत्री ने इलाके में यातायात की भीड़भाड़ को कम करने के लिए आईएमए के उत्तर, दक्षिण और मध्य परिसरों को जोड़ने के लिए दो अंडरपास के निर्माण की भी घोषणा की। सिंह ने कहा कि इन परियोजनाओं के लिए 30 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। रक्षा मंत्री ने अकादमी का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और स्वर्ण पदक एकेडमी अंडर ऑफिसर विनय विलास गराद को और रजत पदक सीनियर अंडर ऑफिसर पीकेंद्र सिंह तथा कांस्य पदक बटालियन अंडर ऑफिसर ध्रुव मेहला को दिया।
अन्य न्यूज़