फिर दिखा पाकिस्तान का आंतक प्रेम, दाऊद इब्राहिम और हाफिज सईद पर पूछा गया सवाल तो साधी चुप्पी

hafiz saed and pak PM
ANI
अंकित सिंह । Oct 18 2022 4:44PM

भारत में 25 साल बाद इस बैठक का आयोजन हो रहा है। इस बैठक में 195 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसके अलावा कई देशों के पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल हुए हैं।

भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधि में पाकिस्तान लगातार शामिल होता रहता है। भारत को लेकर वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की पोल खोलता भी रहता है। हालांकि, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। समय-समय पर उसका आतंक प्रेम दिखाई दे जाता है। एक बार फिर से पाकिस्तान का आतंक प्रेम बेनकाब हुआ है। दरअसल, दिल्ली में आयोजित इंटरपोल महासभा में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी भारत पहुंचे हैं। भारत में 25 साल बाद इस बैठक का आयोजन हो रहा है। इस बैठक में 195 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इसके अलावा कई देशों के पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल हुए हैं। 

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वही, आज पाकिस्तान से आए प्रतिनिधियों से मीडिया ने एक सवाल पूछ लिया। मीडिया का सवाल अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को लेकर था। मीडिया ने सवाल किया कि आखिर पाकिस्तान दाउद अब्राहम और हाफिज सईद को भारत को कब सौंपेगा। इस पर पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने जवाब देने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल सवाल सुनते ही खामोश हो गया और जवाब दिए बगैर ही वहां से चला गया। दिल्ली में इंटरपोल सम्मेलन में भाग ले रहे पाकिस्तान के संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) के महानिदेशक मोहसिन बट ने यह पूछे जाने पर कि क्या वे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को भारत को सौंप देंगे, जवाब देने से इनकार कर दिया।

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नरेंद्र मोदी ने क्या कहा

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान आतंकवाद को विश्व की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए साफ तौर पर कहा कि इसे खत्म करने के लिए हम सब को एकजुट होकर काम करना होगा। मोदी ने इंटरपोल की 90वीं महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि बेहतर विश्व के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जलवायु से जुड़े लक्ष्यों से लेकर कोविड के टीके तक, भारत ने किसी भी संकट में नेतृत्व करने की इच्छा प्रदर्शित की है। मोदी ने कहा कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार, मादक पदार्थों की तस्करी, संगठित अपराध- इन खतरों में पहले की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से बदलाव आ रहा है। 

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