मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले तिपान नदी पुल खस्ता हालत में, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
जानकारी के अनुसार वेंकटनगर से 2 किमी दूर वेंकटनगर-अनूपपुर मुख्य मार्ग पर वर्ष 1980 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह द्वारा बिलासपुर को जिला मुख्यालय को जोडऩे के उद्देश्य व यातायात के दबाव को कम करने तिपान नदी पर पुल की आधारशिला रखी थी। जिसका निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा करते हुए वर्ष 1982 में पुल का उद्घाटन किया गया था।
अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाला तिपान नदी का पुल खस्ता हालत में है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोडने वाला अंतरराज्यीय तिपान नदी पुल अब खतरनाक हालत में पहुंच गया है। विभागीय उदासीनता के चलते मरम्मत नहीं होने के कारण यह पुल जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल पर लगभग 4-5 फीट बड़ा गड्ढा बन गया है। जिसके चलते इस पुल से गुजरने वाले वाहनों के साथ हादसे की आशंका बनी रहती है। जबकि दोनों प्रदेशों की सीमा को जोडऩे वाले इस पुल पर यातायात का अधिक दबाव है। यहां दिन-रात वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। पुल के हालत ऐसी है कि इसमें अनेक स्थानों पर दरार उभर आए हैं। जिसे देखकर लगता है कि किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। वही अगर पुल क्षतिग्रस्त होता है तो दोनों प्रदेशों की ओर से आवाजाही प्रभावित हो होगी।
इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश के रतलाम में अत्याधुनिक स्मार्ट मीटर का हुआ शुभारंभ
जानकारी के अनुसार वेंकटनगर से 2 किमी दूर वेंकटनगर-अनूपपुर मुख्य मार्ग पर वर्ष 1980 में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह द्वारा बिलासपुर को जिला मुख्यालय को जोडऩे के उद्देश्य व यातायात के दबाव को कम करने तिपान नदी पर पुल की आधारशिला रखी थी। जिसका निर्माण कार्य दो वर्ष में पूरा करते हुए वर्ष 1982 में पुल का उद्घाटन किया गया था। इसके बाद लगातार इन 38 वर्षों में पुल के ऊपर से कई बार सड़कों का सुधार कार्य कराया जा चुका है। वही वर्तमान में अनूपपुर से वेंकटनगर मुख्य मार्ग पर सीसी मार्ग का भी निर्माण किया गया हैं। लेकिन यहां ठेकेदार ने 200 से 250 फुट लम्बे एवं लगभग 22 फुट चौड़े पुल के ऊपर सिर्फ खानापूर्ति की है। जिसके बाद वाहनों की आवाजाही से पुल की ऊपरी परत कई जगहों से उखड़कर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सड़क की सतह पर निकली हुई छड़ भी वाहनों के लिए खतरनाक हो गई है। लोगों का कहना है कि पुल की ढलाई धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है, इससे भविष्य में कोई बड़ी घटना हो सकती है।
इसे भी पढ़ें: विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंग दल ने किया लव जिहाद कानून बनने का स्वागत
ग्रामीणों का कहना है कि वेंकटनगर वासियों के लिए छत्तीसगढ़ नजदीक बाजार और स्वास्थ्य उपचार के लिए एक मात्र विकल्प है। जिसके कारण इससे लोगों की आवाजाही लगातार बनी रहती है। वहीं प्रदेश की सीमा के लिए एक मात्र रास्ता होने के कारण वाहनों का काफिला भी लगातार दौड़ता रहता है। पुल के क्षतिग्रस्त होने पर इसकी सूचना लोक निर्माण विभाग को दी गई है। लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा अभी ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया जिससे इस क्षतिग्रस्त पुल को सुरक्षित किया जा सके। जबकि कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग अनिल मिश्रा का कहना हैं कि इसके मरम्मत के आदेश हो चुके हैं शीध्र ही कार्य प्रारम्भ होगा।
अन्य न्यूज़