शिवराज सरकार का बहुप्रत्याशित मंत्रिमंडल विस्तार हुआ, तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत कैबिनेट में फिर शामिल
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च 2020 में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत भी शामिल थे।
भोपाल। मध्य प्रदेश उपचुनाव के बाद भाजपा की शिवराज सरकार का बहुप्रत्याशित मंत्रीमंडल विस्तार रविवार को हो गया। राजभवन में आयोजित गरिमामय एवं संक्षिप्त समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूर्व मंत्री रहे तुसली सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। जिसके बाद एक बार फिर दोनों सिंधिया समर्थक विधायक शिवराज कैबिनेट में शामिल हो गए। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रीमंडल के सदस्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्म, प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, सहित प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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गौरतलब है कि पिछले साल मार्च 2020 में पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत भी शामिल थे। प्रदेश में पुनः भाजपा सरकार बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहले मंत्रीमंडल विस्तार में तुसली सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शामिल किया था। लेकिन संवैधानिक प्रावधानों के तहत उन्हें छह महीने में उन्हें पुन: विधायक बनना था, लेकिन कोरोना के चलते उप चुनाव छह महीने बाद हुए, जिसके चलते दोनों को गत 21 अक्टूबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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लेकिन हाल ही में हुए मध्य प्रदेश उप चुनाव में दोनों ही नेताओं ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की थी। गोविन्द सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट और तुलसीराम सिलावट सांवेर से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हें पुन: मंत्रिमंडल में शामिल किया है। ज्ञात हो कि विधानसभा की सदस्य संख्या के हिसाब से प्रदेश में अधिकतम 35 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत के मंत्री बनने के बाद शिवराज मंत्रिमंडल में अभी 23 कैबिनेट मंत्री और सात राज्यमंत्री हैं। उपचुनाव में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज डंडोतिया को हार का सामना करना पड़ा था। इसीलिए उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद अभी भी शिवराज मंत्रीमंडल में आगे विस्तार की संभावना है।
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वही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने तंज कसा है। सलूजा ने एक बयान जारी कर कहा कि आज का मंत्रिमंडल का पुनर्गठन देखकर यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश में एक मजबूत नहीं, बल्कि असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री कुर्सी पर विराजमान है, भाजपा की इतनी दयनीय स्थिति पहले कभी नहीं देखी ? ऐसा लग रहा है कि आज भाजपा कुछ जयचंदो व आयातित लोगों की पार्टी होकर उनके सामने गिरवी पड़ी है ?
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सलूजा ने कहा कि जब मंत्रिमंडल में 6 पद खाली है, तब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करना और उसमें भी सिंधिया समर्थक सिर्फ़ दो ही मंत्रियों को शामिल करना यह बता रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा भारी दबाव में है, असहाय हैं। भाजपा के कई योग्य विधायक मंत्री बनने की कतार में थे लेकिन उनका हक मार कर दो आयातित लोगों को ही शामिल करने से यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा में अब ईमानदार, निष्ठावान, योग्य और टिकाऊ लोगों के लिए कोई स्थान नहीं बचा है?
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