श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए 2000 महिलाएं मध्य भारत प्रांत में पूर्णकालिक भूमिका में रहेंगी
इस संबंध में मध्य भारत प्रांत की दुर्गा वाहिनी प्रमुख संयोजिका डॉ. प्रतिमा शर्मा ने बताया कि हमारा प्रयास प्रत्येक घर से 5 सदस्यों द्वारा निधि संग्रह कर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए समर्पित करवाना है। इस हेतु हमारी जो योजना-रचना बनी, उसके अनुसार अब तक 2000 महिलाएँ समय दानी के रूप में कार्य करने के लिए तैयार हैं।
भोपाल। प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास निधि समर्पण अभियान के तहत मध्य भारत प्रांत में शहरों के बाद कस्बों व गांवों तक निधि समर्पण के लिए आयोजित बैठकों के बाद अब एक माह का पूर्णकालिक समय देकर काम करने वाली महिलाओं की स्थिति लगभग साफ हो चुकी है। इसमें जो संख्या निकल कर सामने आई है। उसके अनुसार लगभग 2000 से 3000 महिलाएं घर में रहते हुए भी पूर्णकालिक भूमिका में रहेंगी, जो सीधे तौर पर दुर्गा वाहिनी से जुड़ी हैं। यह घर-घर संपर्क करेंगी और अपना एक माह का समय दान करेंगी। इसके अलावा कई कार्यकर्ता अपने परिवार के साथ भी एक महीने के लिए समय दानी बनकर निधि समर्पण के कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने जा रहे हैं।
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इस संबंध में मध्य भारत प्रांत की दुर्गा वाहिनी प्रमुख संयोजिका डॉ. प्रतिमा शर्मा ने बताया कि हमारा प्रयास प्रत्येक घर से 5 सदस्यों द्वारा निधि संग्रह कर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए समर्पित करवाना है। इस हेतु हमारी जो योजना-रचना बनी, उसके अनुसार अब तक 2000 महिलाएँ समय दानी के रूप में कार्य करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के दिन बड़े स्तर जगह-जगह खिचड़ी वितरण के कार्यक्रम हम लोग करने जा रहे हैं। इसके साथ ही महिलाओं के द्वारा जन जागरण के लिए घर-घर संपर्क किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संकीर्तन के माध्यम से भगवत नाम का जप करते हुए नगर भ्रमण होंगे और हनुमान चालीसा का हनुमत शक्ति जागरण कार्यक्रम में हनुमान चालीसा का पाठ महिलाएं विशेष तौर पर जगह-जगह करने जा रही हैं।
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वहीं, 498 महिला संगोष्ठी या महिला केंद्रित कार्यक्रम इस बीच हमारे विशेष तौर पर होंगे, इसलिए इसके लिए अलग से कार्यालय भी प्रांत भर में खोले जा रहे हैं, कुछ स्थानों पर खुल चुके हैं और कुछ जगह यह खुलने की प्रतिक्रिया जारी है, इसके लिए नगर की टीम प्रतिदिन बैठकर समीक्षा भी कर रही है। इस दौरान प्रांत की सह संयोजिका सत्यकीर्ति दीक्षित ने कहा कि मध्य भारत प्रांत में खासतौर से नर्मदापुरम संभाग में हम सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं को पूर्णकालिक महिला कार्यकर्ता के रूप में निकाले जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि इस निधि समर्पण कार्यक्रम के लिए महिलाओं को जोड़ने हेतु हमने जो योजना-रचना बनाई उसमें परिवारों को भी इस काम में पूर्णतया एक माह के लिए समर्पण हेतु तैयार किया गया है, हमें भरोसा है कि लगभग इस कार्य में मध्य भारत से 500 से 700 (पति-पत्नी) सदस्य परिवार एक माह का समय देकर कार्य में जुटेंगे। अभी कई लोगों ने अपनी सहमति मकर संक्रांति 15 जनवरी से आगे 14 फरवरी तक के आयोजन के लिए समय दान करने के लिए दे दी है।
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इसी तरह सह संयोजिका प्रियंका दुबे ने बताया की हम लोग घर-घर जाकर जो संपर्क कर रहे हैं, उसमें जन जागरण के तहत राम मंदिर के 492 साल के संघर्ष के इतिहास से भी लोगों को अवगत करा रहे हैं। भारतीय हिंदू सनातन समाज को यह पता होना चाहिए कि प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर उनके जन्म स्थान पर बने इसके लिए कोई प्रयास स्वतंत्र भारत से शुरू नहीं हुए, ना ही किसी राजनीतिक संगठन के माध्यम से ही यह आरंभ किया गया कार्य है। वास्तव में यह तो 492 सालों से चल रहे संघर्ष का परिणाम है कि आज प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर लोगों तक खासतौर से महिलाओं के बीच हम लोग जा रहे हैं और जब तक यह निधि समर्पण के कार्यक्रम चलेंगे, हमारा यह संवाद का क्रम चलता रहेगा।
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वहीं अन्य सह संयोजिका निर्मला कुशवाहा का कहना है कि विभागों में महिला टोलियां तैयार हो गई हैं, नीचे स्तर पर भी बैठकों का क्रम निरंतर जारी है। प्रयास है कि समाज जीवन से अलग-अलग महिलाओं को हम जोड़ें, जिनसे अब तक संपर्क नहीं रहा उनको भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़कर प्रभु श्रीराम के इस महायज्ञ में सक्रिय करने का हमारा प्रयास है। हमारे प्रांत में हर दिन महिला बैठकों का दौर चल रही हैं। शहर और कस्बे स्तर पर महिलाओं के बीच काम शुरू हो चुका है, अब से ग्रामीण क्षेत्रों तक छोटी-छोटी टोलियां और बनाने की महिलाओं की अलग से जरूरत है उस पर हमारा फोकस है। आगामी 10 तारीख तक हमारा यह सब काम पूरा हो जाएगा, 15 जनवरी तक घर-घर संपर्क का क्रम जागरण के रूप में भी और अन्य स्वरूपों में आपके सामने प्रत्यक्ष दिखने लगेगा।
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