देश को नेता की नहीं नायक की आवश्यकता है- मोहन भागवत
सर संघचालक ने कहा कि हर व्यक्ति सामने आकर नेता बनने का प्रयास करता है,यह ठीक नहीं है। कुछ लोग कभी सामने नहीं आते लेकिन वह नींव के पत्थर का काम करते हुए देश के हित में अपना जीवन लगा देते हैं।
गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले में आयोजित तीन दिवसीय युवा संकल्प शिविर में सर संघ चालक मोहन राव भागवत ने देश में नेता नहीं नायक की आवश्यकता बताई है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के युवा संकल्प शिविर में शनिवार को सरसंघचालक मोहन राव भागवत ने युवाओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। इस दौरान मंच पर मध्य भारत क्षेत्र के संघचालक अशोक सोहनी एवं प्रान्त संघचालक सतीश पिम्प्लिकर उपस्थित थे। तीन दिनों तक चलने वाले इस शिविर में मध्य प्रदेश के 16 शासकीय जिलों से आए हुए युवा राष्ट्र निर्माण के में युवाओं की भूमिका से संबंधित विभिन्न विषयों पर चिंतन सत्रों में भाग ले रहे हैं।
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युवाओं को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जब तक समाज नहीं बदलता देश का भविष्य नहीं बदल सकता। आज हमें स्वयं कुछ ना करते हुए, सब कुछ प्राप्त की अपेक्षा करने की गलत आदत बन गई है। यदि भव सागर से पार होना है तो केवल प्रार्थना से काम नहीं चलेगा, आपको सद्कर्म भी करने होंगे। इसी प्रकार यदि आप राष्ट्र का उत्थान चाहते हैं तो आपको इसके लिए प्रयास भी करने होंगे। सर संघचालक ने कहा कि हर व्यक्ति सामने आकर नेता बनने का प्रयास करता है, यह ठीक नहीं है। कुछ लोग कभी सामने नहीं आते लेकिन वह नींव के पत्थर का काम करते हुए देश के हित में अपना जीवन लगा देते हैं। उनका नाम भी कोई नहीं जानता लेकिन उनके प्रयासों के कारण देश का नाम और ख्याति लगातार बढ़ रही है। आज हमें उन लोगों की पद्धति का अनुसरण करने का प्रयास करना चाहिए। हमारा व्यक्तित्व भी उन्हीं की तरह होना चाहिए। आज देश को नेता की नहीं नायक की आवश्यकता है।
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