बजट में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए 50,000 करोड़ के परिव्यय का प्रस्ताव

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केंद्र सरकार ने देश के नवाचार को बढ़ावा देने के लिये अगले पाँच वर्षों में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए 50,000 करोड़ रुपए के परिव्यय का प्रस्ताव किया है।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के नवाचार को बढ़ावा देने के लिये अगले पाँच वर्षों में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए 50,000 करोड़ रुपए के परिव्यय का प्रस्ताव किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश करते हुए डिजिटल भुगतान, अंतरिक्ष क्षेत्र और गहरे महासागर में अन्वेषणों एवं नवाचार के लिये कई महत्वपूर्ण पहल का प्रस्ताव दिया।

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वित्त मंत्री ने अगले पाँच वर्षों के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन हेतु 50,000 करोड़ रूपए के परिव्यय का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, “यह चिन्हित राष्ट्रीय-प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए देश में एक समग्र अनुसंधान तंत्र को मज़बूत बनाने के मार्ग को सुनिश्चित करेगा।” सीमारमण ने राष्ट्रीय अनुवाद अभियान (एनटीएलएम) नामक एक नई पहल का प्रस्ताव किया जिससे इंटरनेट पर शासन और नीति संबंधित ज्ञान भंडार का डिजिटलीकरण करने के साथ-साथ इसे प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध भी कराया जाएगा।

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वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले समय में डिजिटल भुगतानों में कई गुना वृद्धि हुई है और इसी गति को आगे भी बनाए रखने की आवश्यकता थी। इसके लिए एक योजना के तहत 1,500 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया गया है जिसके माध्यम से भुगतान के डिजिटल माध्यमों और आगामी डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े बजटीय प्रावधानों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) कुछ भारतीय छोटे उपग्रहों के साथ ब्राजील के उपग्रह अमेज़ोनिया को पीएसएलवी-सीएस51 के माध्यम से प्रक्षेपित करेगी। उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन के लिए रूस में अंतरिक्ष उड़ान आयामों के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है, इसके प्रक्षेपण की योजना दिसंबर 2021 में बनाई गयी है। सीतारमण ने महासागर क्षमता को बेहतर रूप से समझने के लिए अगले पाँच वर्षों के लिए 4,000 करोड़ रूपए से अधिक के बजट परिव्यय के साथ एक गहरे महासागर मिशन के शुभारंभ का प्रस्ताव दिया है। इस अभियान के तहत गहरे महासागर में सर्वेक्षण अन्वेषण और गरहे महासागर की जैव-विविधता के संरक्षण की परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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