Maharashtra Karnataka Dispute Part V | ठंड का मौसम शुरू होते ही क्यों आपस में भिड़ जाते हैं कर्नाटक और महाराष्ट्र?

Maharashtra Karnataka Dispute Part V
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jan 28 2023 3:17PM

कर्नाटक की तरफ से ठंड के मौसम में विधानसभा के सत्र का आयोजन बेलगाम में किया जाता है। कर्नाटक ने बेलगाम पर अपने दावे को और मजबूत करने के लिए साल 2007 में बेलगाम में विधानसभा भवन बनाने का निर्णय लिया। जिससे की विधानसभा का शीतकालीन सत्र में बेलगाम में आयोजित हो सके।

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में सर्दी का सितम देखने को मिल रहा है। वैसे तो ठंड के मौसम के दस्तक देते ही लोग गर्म कपड़े और अलाव व हीटर का प्रयोग शरीर को गर्म रखने के लिए करने लग जाते हैं। लेकिन जाड़े के आगमन के साथ ही दो राज्यों के बीच के सीमा विवाद की लपटें तेज भी हो जाती हैं। जैसी ही 

ठंड दस्तक देती है भारत के कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे दो राज्यों के नेता आपस में भिड़ जाते हैं। बयानबाजी का दौर शुरू हो जाता है। लोग सड़कों पर उतर आते हैं, विरोध-प्रदर्शन जारी हो जाता है। फिर देखते ही देखते ये सब हिंसा में तब्दील हो जाता है। जिसे थामने के लिए दोनों ही राज्यों की पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ये आलम साल 2007 से कमोबेश ऐसा ही चला आ रहा है। जिसकी शुरुआत कर्नाटक ने की थी। 

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कर्नाटक की तरफ से ठंड के मौसम में विधानसभा के सत्र का आयोजन बेलगाम में किया जाता है। कर्नाटक ने बेलगाम पर अपने दावे को और मजबूत करने के लिए साल 2007 में बेलगाम में विधानसभा भवन बनाने का निर्णय लिया। जिससे की विधानसभा का शीतकालीन सत्र में बेलगाम में आयोजित हो सके। साल 2012 से कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र बेलगाम में ही आयोजित होता आया है। हर विधानसभा सत्र के दौरान महाराष्ट्र की ओर से इसपर विरोध जताया गया। आलम ये है कि ठंड के मौसम में महाराष्ट्र और कर्नाटक के नेताओं के साथ ही आम लोग भी इस मुद्दे को लेकर आपस में भिड़ जाते हैं, जिससे सियासी तापमान बढ़ जाता है। 

सड़क से संसद तक कौन लाया सीमा विवाद ?

महाराष्ट्र कर्नाटक के बीच सीमा विवाद की नींव राज्य पुनर्गठन एक्ट 1956 से ही पड़ गई थी। उस वक्त बॉम्बे और मैसूर के बीच सीमा निर्धारण के बाद से ही विवाद शुरू हो गया। विवादित क्षेत्र में मराठी और कन्नड़ भाषी दोनों लोग शामिल है। 1956 में बॉम्बे (मौजूद महाराष्ट्र) और मैसूर (मौजूदा कर्नाटक) दोनों ने ही सीमा पर लगे कई शहरों और गांवों को अपने-अपने राज्यों में मिलाने के लिए संसद में तर्क दिए। अगले भाग में जानेंगे कि क्या कहता है अनुच्छेद 3 और अनुच्छेद 131, जिसके सहारे महाराष्ट्र और कर्नाटक कर रहे अपना-अपना दावा?

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