तमिलनाडु विधानसभा का सत्र आरंभ, पलानीस्वामी पहले दिन अनुपस्थित रहे
पलानीस्वामी के धड़े ने मांग की थी कि आर बी उदयकुमार को पनीरसेल्वम की जगह उप नेता बनाया जाए। विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने बताया कि दोनों अन्नाद्रमुक धड़ों के नेताओं ने उन्हें छह पत्र सौंपे हैं, जिनमें उनके दल के नेताओं के सदन में बैठने की व्यवस्था में बदलाव किए जाने की मांग की गई है।
चेन्नई। तमिलनाडु विधानसभा का संक्षिप्त सत्र सोमवार को यहां शुरू हो गया और विपक्ष के नेता एवं अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के अंतरिम प्रमुख ई के पलानीस्वामी (ईकेपी) सत्र के शुरुआती दिन अनुपस्थित रहे, जबकि पार्टी के विरोधी धड़े का नेतृत्व कर रहे ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) ने सदन की कार्यवाही में भाग लिया। पनीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक से निष्कासित किए जाने के मद्देनजर सदन में सीट संबंधी व्यवस्था में बदलाव की अटकलों के बीच उनकी सीट पहले की तरह पलानीस्वामी के बगल में रही। पलानीस्वामी के धड़े ने मांग की थी कि आर बी उदयकुमार को पनीरसेल्वम की जगह उप नेता बनाया जाए। विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने बताया कि दोनों अन्नाद्रमुक धड़ों के नेताओं ने उन्हें छह पत्र सौंपे हैं, जिनमें उनके दल के नेताओं के सदन में बैठने की व्यवस्था में बदलाव किए जाने की मांग की गई है। इनमें से चार पत्र पलानीस्वामी धड़े से मिले हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह मामला सदन में उठाया जाता है, तो वह इस पर प्रतिक्रिया देंगे।
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पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने सदन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अपने लोकतांत्रिक कर्तव्य को निभाने के लिए सत्र में भाग लिया। पनीरसेल्वम के समर्थक आर वैद्यलिंगम, पी एच मनोज पांडियान और पी अय्यप्पन अपनी पुरानी सीट पर ही बैठे। विधानसभा चुनाव में पिछले साल अन्नाद्रमुक के द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) से हारने के बाद से दोनों पूर्व मुख्यमंत्री- पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम पहली कतार में बैठते हैं और उनके सामने वाली सीट पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन तथा सत्तारूढ़ पार्टी के नेता बैठते हैं। पनीरसेल्वम ने पार्टी में एकल नेतृत्व लाने के पलानीस्वामी के फैसले से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘क्रांतिकारी नेता एम जी रामचंद्रन द्वारा स्थापित अन्नाद्रमुक के उपनियमों में बदलाव करना खतरनाक और अस्वीकार्य है।’’ उन्होंने बैठने की व्यवस्था में बदलाव नहीं किए जाने का जिक्र किए जाने पर कहा, ‘‘मैं इसे सकारात्मक तरीके से देखता हूं कि विधायिका ने हमें मान्यता दी है।’’ अप्पावु ने बताया कि विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र 19 अक्टूबर को समाप्त होगा, जिसमें तमिलनाडु पर ‘‘हिंदी को थोपे जाने’’ को लेकर चर्चा होगी।।
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