Swami Prasad Maurya के फिर बिगड़े बोल, कहा बौद्ध धर्मस्थल तोड़कर बनाया गया बद्रीनाथ धाम
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बद्रीनाथ 8वीं सदी तक बौद्ध धर्मस्थल था और बौद्ध धार्मिक स्थल खत्म करके बद्रीनाथ मंदिर बनाया गया है। स्वामी ने यह प्रतिक्रिया ज्ञानवापी प्रकरण पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने फिर विवादित बयान दिया है. रामचरित मानस विवाद के बाद मौर्य ने अब बद्रीनाथ धाम को लेकर विवाद खड़ा करने की कोशिश की है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि बद्रीनाथ 8वीं सदी तक बौद्ध धर्मस्थल था और बौद्ध धार्मिक स्थल खत्म करके बद्रीनाथ मंदिर बनाया गया है। स्वामी ने यह प्रतिक्रिया ज्ञानवापी प्रकरण पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी। उन्होंने कहा कि केवल ज्ञानवापी ही क्यों देश के सभी हिन्दू मंदिरों की जांच होनी चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया कि देश के ज्यादातर मंदिर बौद्ध धर्मस्थलों को तोड़ कर बनाए गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य यहीं पर नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह डाला कि शंकराचार्य ने बद्रीनाथ धाम बनवाया। यह पहले बौद्ध धार्मिक स्थल था। जिसे तोड़कर बद्रीनाथ धाम बनाया गया है।
गौरतलब हो, ज्ञानवापी परिसर के सांइटिफिक सर्वे मसले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। बहस के दौरान मंदिर पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा था कि गुंबद के नीचे स्ट्रक्चर है। सत्यता पता करने के लिए एएसआई सर्वे कराया जाए। वहां मंदिर है इसका साक्ष्य साइंटिफिक सर्वे से ही मिलेगा।
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भारत सरकार की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में को यह आश्वासन दिया गया कि साइंटिफिक सर्वे से वाराणसी स्थित परिसर को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने जब एएसजीआई शशि प्रकाश सिंह से यह पूछा कि क्या ड्रिल नहीं करेंगे, क्या करेंगे बताएं। इस पर एएसजीआई ने कहा जांच कर फोटो लेंगे, संपत्ति को क्षति नहीं होगी। कैसे जांच होगी यह टीम बता सकती है, किंतु बिना क्षति सर्वे पूरा होगा।
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