शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, TMC के कई अन्य नेताओं में भी असंतोष
भाजपा में उनके शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच, पार्टी के सांसद समेत अन्य असंतुष्ट नेता अधिकारी के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं और तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर असंतोष जताया है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘यह राहत की बात है कि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। वह बहुत महत्वाकांक्षी हैं और अगला मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वह जा सकते हैं। हम ममता बनर्जी के नेतृत्व में अगला चुनाव जीतने के प्रति आश्वस्त हैं।’’ वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि यह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के पतन की शुरुआत है। अधिकारी ने अपने त्यागपत्र में लिखा, मैं पश्चिम बंगाल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। इसको तत्काल स्वीकार करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएं। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि वह अधिकारी के त्यागपत्र को लेकर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे। अधिकारी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक या दो दिनों में उनके पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने की संभावना है और आगामी दिनों में वह भगवा खेमे से जुड़ सकते हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राज्य का दो दिवसीय दौरा शनिवार से शुरू होगा। तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता से जुड़े एक सूत्र ने दावा किया, अधिकारी एक या दो दिन में दिल्ली जा सकते हैं और वह अकेले ही भाजपा में शामिल नहीं होंगे बल्कि कई अन्य विधायक, सांसद और मंत्री भी हमारे संपर्क में हैं।We spoke to him (Suvendu Adhikari) on Dec 1 but on 2nd Dec he informed that we can't work together. That day we decided to not speak to him anymore. We couldn't fulfil his ambition, he wants to be the leader after Mamata Banerjee&party wasn't ready to accept it: Saugata Roy, TMC pic.twitter.com/iFmLlGORZT
— ANI (@ANI) December 16, 2020
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है ताकि राज्य की पुलिस ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत उन्हें आपराधिक मामले में ना फंसाए। अधिकारी द्वारा राज्यपाल को लिखे गए एक पत्र की एक प्रति साझा करते हुए धनखड़ ने कहा कि वह ‘‘अपेक्षित कदम’’ उठा रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की चर्चाओं के बीच शुभेंदु के विधायक पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद यह पत्र सामने आया। अधिकारी ने इस पत्र में कहा है, ‘‘संवैधानिक प्रमुख होने के नाते मैं आपसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध करने के लिए विवश हूं ताकि राज्य में पुलिस और प्रशासन राजनीति से प्रेरित होकर और प्रतिशोध के तहत मुझे और मेरे सहयोगियों को आपराधिक मामले में ना उलझाए।’’ इस पत्र को राज्यपाल ने अपने ट्विटर पर साझा किया है। इससे पहले दिन में डायमंड हार्बर से दो बार के विधायक दीपक हल्दर ने भी तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना की। वहीं, कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी का साथ छोड़ने वालों को ‘‘अवसरवादी’’ बताया और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस में फूट डालने के लिए भाजपा ‘‘धन के थैलों’’ का इस्तेमाल कर रही है।
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भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने अधिकारी के फैसले का स्वागत किया और कहा कि भगवा पार्टी खुली बाहों के साथ उनका स्वागत करेगी। रॉय ने कहा, ‘‘जिस दिन राज्य मंत्रिमंडल से शुभेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दिया था, मैंने कहा था कि अगर वह तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो मुझे खुशी होगी। आज उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मैं उनके फैसले का स्वागत करता हूं।’’ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी अधिकारी के फैसले की सराहना की और कहा कि भाजपा को उनका स्वागत करते हुए खुशी होगी। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय, सुदीप बंदोपाध्याय जैसे वरिष्ठ नेताओं ने मनाने के काफी प्रयास किए लेकिन अधिकारी नहीं माने। अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी और भाई दिब्येंदु भी तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद हैं। शुभेंदु भी दो बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं।
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