AMU पर 1967 के जजमेंट को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा, अल्पसंख्यक दर्जे पर 3 जजों की बेंच दोबारा करेगी विचार

Supreme Court
ANI
अभिनय आकाश । Nov 8 2024 12:06PM

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अदालत के फैसले को पढ़ना शुरू करते हुए कहा कि चार अलग-अलग राय थीं, जिनमें तीन असहमति वाले फैसले भी शामिल थे। सीजेआई ने कहा कि उन्होंने अपने लिए बहुमत का फैसला लिखा है और जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और जस्टिस चंद्र शर्मा ने अपने अलग-अलग असहमति वाले विचार लिखे हैं।

सीजेआई ने 1967 के जजमेंट अजिज बाशा बनाम यूनियन ऑफ इंडिया उस फैसले को निरस्त किया है। 3 जजों की बेंच तय करेगी की अल्पसंख्यक दर्जा वो रहेगा या नहीं। सुप्रीम कोर्ट की सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की अल्पसंख्यक स्थिति की बहाली की मांग करने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर अपना फैसला सुनाना शुरू किया। लंबे समय से चली आ रही बहस को हल करने के लिए तैयार है कि 1920 में स्थापित एएमयू भारतीय संविधान के तहत अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में योग्य है या नहीं।

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मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने अदालत के फैसले को पढ़ना शुरू करते हुए कहा कि चार अलग-अलग राय थीं, जिनमें तीन असहमति वाले फैसले भी शामिल थे। सीजेआई ने कहा कि उन्होंने अपने लिए बहुमत का फैसला लिखा है और जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और जस्टिस चंद्र शर्मा ने अपने अलग-अलग असहमति वाले विचार लिखे हैं।

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