सुनील जाखड़ ने हरियाणा विधानसभा के लिए जमीन आवंटन का किया विरोध, पीएम से फैसले पर दोबारा विचार की मांग
जाखड़ ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राज्य को मिले घावों को भरने के लिए कई प्रयास किए हैं। हरियाणा के लिए भूमि आवंटित करने का कदम पंजाब की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ऊपर उठाने के पीएम के प्रयासों को नुकसान पहुंचाएगा।
पंजाब भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ ने गुरुवार को केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में हरियाणा को अपना विधानसभा परिसर बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित करने के केंद्र के कदम का विरोध किया और इसे रद्द करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की। एक्स पर एक पोस्ट में जाखड़ ने कहा कि जमीन आवंटित करने का केंद्र का कदम पंजाबियों को भावनात्मक रूप से आहत करेगा क्योंकि पंजाब की राजधानी होने के नाते चंडीगढ़ महज जमीन का एक टुकड़ा नहीं है। यह राज्य के लोगों के लिए गहरी भावना का विषय है।
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जाखड़ ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में राज्य को मिले घावों को भरने के लिए कई प्रयास किए हैं। हरियाणा के लिए भूमि आवंटित करने का कदम पंजाब की धार्मिक और सामाजिक भावनाओं को ऊपर उठाने के पीएम के प्रयासों को नुकसान पहुंचाएगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पंजाब के साथ अपने मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए केंद्र को एक अलग विधानसभा (हरियाणा को) के लिए जमीन आवंटित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और इस निर्णय को रद्द करने की अपील करता हूं।
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उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर पंजाब की सभी पार्टियां एकमत हैं लेकिन आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान की गलतफहमी के कारण पंजाब का दावा कमजोर हो गया है। जाखड़ ने कहा कि जयपुर में नॉर्थ जोनल काउंसिल की बैठक में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने हरियाणा ने अपनी विधानसभा के लिए यह जमीन मांगी तो इसका विरोध करने की बजाय इसका विरोध करने के बजाय पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब की विधानसभा के लिए भी जमीन मांग कर हरियाणा की मांग पर अपनी मुहर लगा दी।
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