Justice Yashwant Verma Case में दिल्ली पुलिस का तगड़ा एक्शन! मोबाइल जब्त कर फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया

जांच इस बात पर केंद्रित है कि आग लगने के समय घटनास्थल पर पहुंचने पर इन अफसरों ने कोई वीडियो रिकॉर्ड किया था या नहीं और इन वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ की गई थी या नहीं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने इन सभी पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस कमरे में आग लगी थी, उसकी दीवारों में अत्यधिक गर्मी के कारण दरारें पड़ गई हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा कैश विवाद में हाल ही में दिल्ली पुलिस ने तुगलक रोड थाने के एसएचओ समेत अपने आठ अफसरों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। एसएचओ उमेश मलिक, जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल रूप चंद, सब इंस्पेक्टर (एसआई) रजनीश और मोटरसाइकिल से मौके पर पहुंचे दो पुलिसकर्मियों और तीन अन्य पीसीआर कर्मियों के फोन विभाग ने जब्त कर लिए हैं। सभी आठ पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच इस बात पर केंद्रित है कि आग लगने के समय घटनास्थल पर पहुंचने पर इन अफसरों ने कोई वीडियो रिकॉर्ड किया था या नहीं और इन वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ की गई थी या नहीं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने इन सभी पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए हैं। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस कमरे में आग लगी थी, उसकी दीवारों में अत्यधिक गर्मी के कारण दरारें पड़ गई हैं।
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डीसीपी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने यशवंत वर्मा के आवास का दौरा किया
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) के नेतृत्व में एक टीम ने बुधवार (26 मार्च) को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के आवास का दौरा किया और उनके आवास पर नकदी के ढेर की कथित खोज की जांच के तहत कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों से पूछताछ की। डीसीपी (नई दिल्ली) देवेश महला, एक एसीपी और अन्य अधिकारियों सहित छह सदस्यों वाली पुलिस टीम दोपहर करीब 1:50 बजे न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक रोड स्थित आवास पर पहुंची और करीब दो घंटे बाद वापस लौटी। यह दौरा भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित तीन न्यायाधीशों के पैनल द्वारा आंतरिक जांच का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य 14 मार्च को आग की घटना के बाद वर्मा के लुटियंस स्थित आवास में भारतीय मुद्रा नोटों की चार से पांच अधजली बोरियों की खोज की गहन जांच करना था। आंतरिक समिति मंगलवार को वर्मा के आवास पर गई थी और कहा जाता है कि उसने घटनास्थल का निरीक्षण किया। सूत्रों ने बताया कि बुधवार (26 मार्च) को दौरे के दौरान पुलिस ने घटना की क्रमवार जानकारी हासिल करने के लिए आग की रात वहां मौजूद कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों और अन्य लोगों से पूछताछ की।
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जस्टिस वर्मा ने आरोपों से किया इनकार
जस्टिस वर्मा ने कहा था कि घटना के समय वे मध्य प्रदेश में थे। उन्होंने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य ने कभी भी स्टोररूम में कोई नकदी नहीं रखी।
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