पुरुष मन को मजबूत करें और महिलाओं को हिजाब से मुक्ति दें, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज का बयान
उच्चतम न्यायालय द्वारा राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडित फैसला सुनाने से कुछ समय पहले विज ने यह ट्वीट किया था।
चंडीगढ़। पूरे देश में हिजाब को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। जहां एक तरफ स्कूल कॉलिजों में हिजाब पर लगे बैन को ठीक ठहराया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ इसका विरोध किया जा रहा है। कर्नाटका से उठा हिजाब का ये मुद्दा इंटरनेशनल लेवल पर पहुंच गया हैं। जहां साउदी अरब, तालिबान जैसे देशों में महिलाएं गाड़ी चलाने के अधिकार, शिक्षा के लिए संघर्ष कर रही हैं वही इसके विपरीत भारत में कई महिलाएं हिजाब पहनने के लिए लड़ाई कर रही हैं। मामला कोर्ट में हैं और दो न्यायधीशों वाली बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। दोनों जजों की राय अलग-अलग होने के कारण मामला तीन बेंच के पास चला गया हैं। मामले की सुनवाई के दौरान जजों की टिप्पणी पर अलग अलग तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: 'नीतीश जी अब नाराजगी के नहीं बल्कि दया के पात्र हो चुके हैं', बिहार भाजपा प्रमुख बोले- Get Well Soon भाई
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने हिजाब विवाद पर कहा कि पुरुषों को अपने मन को मजबूत करना चाहिए और महिलाओं को हिजाब से मुक्त करना चाहिए। विज ने एक ट्वीट कर यह बात कही। उच्चतम न्यायालय द्वारा राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडित फैसला सुनाने से कुछ समय पहले विज ने यह ट्वीट किया था। हरियाणा के गृह मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘‘जिन पुरुषों का महिलाओं को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया। आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक ढक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है।’’
इसे भी पढ़ें: अध्यापक की पिटाई से 12 वर्षीय छात्र की मौत नाराज परिजनों ने कोतवाली का घेराव किया
उन्होंने ट्वीट में सुझाव दिया, “पुरुष अपना मन मजबूत करें और महिलाओं को हिजाब से मुक्ति दें।” फरवरी में कर्नाटक में कुछ छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच विज ने कहा था कि विद्यालयों और कॉलेजों में प्रचलित ‘‘ड्रेस कोड’’ का पालन किया जाना चाहिए। पीठ ने खंडित फैसले के मद्देनजर निर्देश दिया कि उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं को एक उचित वृहद पीठ के गठन के लिए प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए।
जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया । आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी परंतु सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक डाक दिया। यह सरासर नाइंसाफी है । पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) October 13, 2022
अन्य न्यूज़