अफवाहों से रहे दूर, मांसाहार से नहीं फैलता कोरोना वायरस
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में काम कर चुके अय्यंगर ने कहा कि कोरोना वायरस का टीका विकसित होना चाहिए और विषाणु से निपटने में भारत का अच्छा रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे इबोला वायरस हो या एवियन फ्लू हमनेअच्छी तरह से इन पर नियंत्रण पाया।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस चिकन, मांस या समुद्री खाद्य पदार्थ से फैला इसका कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है। एफएसएसएआई के प्रमुख जी. एस. जी. अय्यंगर ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि विषाणु उच्च तापमान में नहीं बच सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मूल रूप से यह जानवरों का विषाणु है। अब यह वैज्ञानिकों पर छोड़ दें कि वे बताएं कि कैसे इसका प्रसार हुआ... बहरहाल, हमारा उष्णकटिबंधीय देश है और तापमान 35- 36 डिग्री सेल्सियस से जयादा होते ही विषाणु जीवित नहीं रहेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम भगवान से प्रार्थना करें कि ठंड खत्म हो और तापमान में बढ़ोतरी हो।’’
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भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के करीब 30 मामलों की पुष्टि हुई है। इन आशंकाओं के बीच कि चिकन, मांस और समुद्री भोजन खाने से कोरोना का संक्रमण फैल सकता है, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के सीईओ ने कहा कि इस बारे में भ्रम है। अय्यंगर ने कहा, ‘‘इस तरह का भ्रम है कि कोरोना वायरस चिकन,मांस और समुद्री खाद्य पदार्थों से फैलता है। इस तरह की बात नहीं है। यह वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं वैज्ञानिक हूं, मैं इस तर्क पर विश्वास नहीं कर सकता।’’
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पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में काम कर चुके अय्यंगर ने कहा कि कोरोना वायरस का टीका विकसित होना चाहिए और विषाणु से निपटने में भारत का अच्छा रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे इबोला वायरस हो या एवियन फ्लू हमनेअच्छी तरह से इन पर नियंत्रण पाया। लोगों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कई अन्य विषाणुओं की तरह है और टीके का विकास किया जाना विषाणु की जटिलता पर निर्भर करता है। वह एसोचैम की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
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