प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का RSS प्रमुख से सवाल, देश को तोड़कर अखंड भारत का कैसे होगा निर्माण
नाना पटोले ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा अखंड भारत के बारे में दिया गया बयान चौकाने वाला नहीं है।आरएसएस की विचारधारा शुरू से विभाजनकारी रही है और वह सामाजिक वातावरण को अस्थिर करने का काम करती है।
मुंबई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत का यह बयान कि अगले 10-15 वर्षों में अखंड भारत का सपना पूरा होगा, नया नहीं है, बल्कि आरएसएस का यही एजेंडा है।लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या देश को इस तरह तोड़कर एक अखंड भारत का निर्माण कैसे हो सकता है? आरएसएस प्रमुख से यह सवाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पूछा है।उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में आरएसएस की विचारधारा की सरकार आई है, तब से समाज में जहर घोल कर देश को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। नाना पटोले ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा अखंड भारत के बारे में दिया गया बयान चौकाने वाला नहीं है।आरएसएस की विचारधारा शुरू से विभाजनकारी रही है और वह सामाजिक वातावरण को अस्थिर करने का काम करती है। इसके लिए विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच विवाद पैदा करने वाले मुद्दों को उठाया जा रहा है।केंद्र में आरएसएस की विचारधारा की सरकार होने से समाज में नफरत फैलाने वाली घटनाएं जोर पकड़ रही हैं।पटोले ने पूछा है कि आखिर अखंड भारत को लेकर आरएसएस का क्या सपना है।इसका भी खुलासा किया जाना जरुरी है।अखंड भारत के सपने में यह स्पष्ट किया जाना चाहिए इसमें किन धर्मों और जातियों का स्थान मिलेगा।
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महाराष्ट्र में बिजली संकट के मुद्दे पर बोलते हुए नाना पटोले ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोयले की आपूर्ति नहीं होने से राज्य में यह समस्या खड़ी हुई है।इसके लिए केंद्रीय कोयला मंत्री ने विदेशों से कोयला आयात करने की सलाह दी है। यदि कोयला आयात किया जाता है, तो इससे भाजपा के कुछ उद्योगपति मित्रों को ही लाभ होगा, लेकिन कोयले के आयात से बिजली महंगी हो जाएगी और इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा।पटोले ने कहा कि केंद्र में डॉ।मनमोहन सिंह सरकार के दौरान कोयला खदानों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास एक विजन था।वे कोयला खदानों के माध्यम से ऊर्जा विभाग को मजबूत बनाना चाहते थे लेकिन मोदी सरकार में इसे लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई है।यह निजीकरण की चाल है।ताकि इसके माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाते हुए बिजली परियोजनाओं पर कब्ज़ा दे सके।
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नाना पटोले ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाकर अपनी राजनीति चलाने की कोशिश कर रहे हैं।जब सभी धर्मों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जा रहा है तो एक ही धर्म को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।संविधान यह नहीं कहता कि किसी धर्म से घृणा करो।धर्म के ठेकेदारों को आग में तेल नहीं डालना चाहिए।पटोले ने कहा कि इस तरह के मुद्दे को उठा कर महाराष्ट्र में धार्मिक दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है लेकिन ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। पटोले ने कहा कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के मुंबई दौरे की तारीख अभी तय नहीं हुई है।अपने मुंबई दौरे के दौरान वह कांग्रेस विधायकों, मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे।उन्होंने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम और समन्वय के लिहाज से राहुल गांधी की यात्रा काफी महत्वपूर्ण होगी।
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