शासन के प्रति पश्चिमी दृष्टिकोण में आध्यात्मिकता की अनुपस्थित: होसबाले

ANI
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Apr 7 2025 6:50AM
होसबाले ने यहां एक सार्वजनिक समारोह के दौरान कहा, ‘‘शासन के बारे में पश्चिमी सोच में आध्यात्मिकता नहीं पाई जा सकती है, लेकिन भारत में यह लोगों के जीवन के आध्यात्मिक और भौतिक पहलुओं को ऊपर उठाने के लिए है।’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने रविवार को कहा कि शासन के प्रति पश्चिमी और भारतीय दृष्टिकोणों के बीच मुख्य अंतर यह है कि पश्चिमी सोच के विपरीत भारतीय प्रणाली में आध्यात्मिकता केंद्रीय भूमिका निभाती है।
होसबाले ने यहां एक सार्वजनिक समारोह के दौरान कहा, ‘‘शासन के बारे में पश्चिमी सोच में आध्यात्मिकता नहीं पाई जा सकती है, लेकिन भारत में यह लोगों के जीवन के आध्यात्मिक और भौतिक पहलुओं को ऊपर उठाने के लिए है।’’
आरएसएस नेता ने अपने संबोधन में नैतिकता और सुशासन के महत्व पर भी जोर दिया और इसे सामाजिक कल्याण के लिए मौलिक बताया। श्रद्धेय रानी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने उन्हें ईमानदारी और सेवा के आदर्श के रूप में सराहा।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:
अन्य न्यूज़