नेता प्रतिपक्ष के बार-बार अनुरोध पर सदन के नेता ने दिखाई दरियादिली, स्पीकर ने डॉ. रघुबीर सिंह कादियान का निलंबन किया रद्द

Manohar Lal

विपक्ष के नेता श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बार-बार अनुरोध पर सदन के नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सदन की गरिमा बनाए रखना हर विधायक का कर्तव्य होता है। सदन में प्रस्तुत किया गया बिल या कोई अन्य दस्तावेज लीगल डॉक्युमेंट होता है, उसे किसी सदस्य द्वारा फाडऩा सदन का अपमान होता है।

चंडीगढ़  हरियाणा विधानसभ में बजट सत्र के दौरान 4 मार्च को प्रस्तुत किए गये हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 की प्रति सदन में फाड़े जाने के बावजूद सदन के नेता मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने बड़ी दरियादिली दिखाते  हुए डॉ. रघुबीर सिंह कादियान का सत्र की शेष अवधि के लिए किया गया निलंबन वापस करवाया।

 

विपक्ष के नेता  भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के बार-बार अनुरोध पर सदन के नेता ने कहा कि लोकतंत्र में सदन की गरिमा बनाए रखना हर विधायक का कर्तव्य होता है। सदन में प्रस्तुत किया गया बिल या कोई अन्य दस्तावेज लीगल डॉक्युमेंट होता है, उसे किसी सदस्य द्वारा फाडऩा सदन का अपमान होता है।

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बाद में संसदीय कार्यमंत्री  कंवरपाल ने सदन में प्रस्ताव प्रस्तुत किया कि डा. रघुबीर सिंह कादियान को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने के सदन द्वारा लिए गये निर्णय को निरस्त किया जाए। विधानसभा अध्यक्ष  ज्ञान चन्द गुप्ता द्वारा सदस्यों के निलंबन निरस्त करने के निर्णय के पक्ष में हां में दिए गये उत्तर को मान लिया। बाद में डॉ. रघुबीर सिंह कादियान ने सदन में आकर सभी सदस्यों की भावनाओं का आदर किया और कहा कि लोकतंत्र में सदन का निर्णय सर्वोपरि होता है, इसलिए वे 4 मार्च को सदन में उन द्वारा किए गये व्यवहार के लिए खेद व्यक्त करते हैं।

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शिक्षा मंत्री  कंवर पाल ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र के दौरान राजकीय विद्यालयों में सेकेंडरी कक्षा में पढ़ रहे 5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को पर्सनलाइज्ड अडैपटिव लर्निंग सॉफ्टवेयर युक्त व निशुल्क इंटरनेट डाटा सहित टैबलेट मई 2022 तक उपलब्ध करवाए जाएंगे। श्री कंवर पाल ने बताया कि सरकार द्वारा सभी विद्यार्थियों को टैबलेट उपलब्ध करवाने के लिए लगभग 620 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

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कृषि उपकरणों व यंत्रों पर MRP अंकित करने के निर्देश

हरियाणा सरकार ने राज्य में विभिन्न कृषि योजनाओं के तहत कृषि उपकरण उपलब्ध करवाने के इच्छुक कृषि यंत्र निर्माताओं और डीलरों को अपने सभी कृषि उपकरणों व यंत्रों पर अधिकतम विक्रय मूल्य अर्थात एमआरपी अंकित करने के निर्देश दिए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कृषि उपकरणों पर एमआरपी अंकित करने की अनिवार्यता के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के मद्देनजर यह निर्देश जारी किए गए हैं।

 

प्रवक्ता ने बताया कि इसके अतिरिक्त, कृषि यंत्र निर्माता और डीलर अपने विनिर्माण स्थल, डीलरशीप और कम्पनी की वेबसाईट पर कृषि उपकरणों के एमआरपी प्रदर्शित करने के लिए भी बाध्य होंगे। उन्होंने बताया कि कृषि यंत्र निर्माता यह भी सुनिश्चित करेंगे कि उन द्वारा वेबसाईट पर प्रदर्शित एमआरपी और डीलरों द्वारा उनकी डीलरशीप पर प्रदर्शित मूल्य में कोई अन्तर न हो।

उन्होंने बताया कि कृषि यंत्र निर्माताओं को 10 दिनों के भीतर अपनी मशीनों का एमआरपी कृषि निदेशालय को [email protected]  पर उपलब्ध करवाने निर्देश भी दिए गए हैं ताकि मशीनों के एमआरपी के विवरण को समय पर विभागीय वेबसाईट पर प्रदर्शित किया जा सके। उन्होंने बताया कि इन दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं करने की स्थिति में संबंधित कृषि यंत्र निर्माता व डीलर विभागीय योजनाओं में मशीन सप्लाई करने के पात्र नहीं रहेंगे।

प्रवक्ता ने बताया कि कृषि यंत्र निर्माता व डीलर इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए अपने संबंधित जिला के सहायक कृषि अभियंता के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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