Karnataka सरकार अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध: Siddaramaiah

Siddaramaiah
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सिद्धरमैया ने एक सवाल पर कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आंतरिक आरक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन जैसा कि कुछ लोगों ने कहा है कि इस संबंध में ठोस आंकड़ा नहीं है, इसलिए (न्यायमूर्ति) नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया है। हम आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

दावणगेरे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष या मुख्यमंत्री के बारे में कोई भी निर्णय पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाएगा और वह नेतृत्व के परामर्श से अपने मंत्रिमंडल में रिक्त पद को भरने का फैसला करेंगे।

सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं के एक सवाल पर कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि आंतरिक आरक्षण दिया जाना चाहिए, लेकिन जैसा कि कुछ लोगों ने कहा है कि इस संबंध में ठोस आंकड़ा नहीं है, इसलिए (न्यायमूर्ति) नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया है। हम आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

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नवंबर में सरकार ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच एन नागमोहन दास को अनुसूचित जातियों (एससी) के बीच आंतरिक आरक्षण की सिफारिश करने के लिए एक आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था। अनुसूचित जातियों का एक वर्ग, विशेष रूप से ‘एससी लेफ्ट’, आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है। उनका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उपजातियां ही अधिकांश लाभ ले रही हैं, जबकि कई समुदाय अब भी हाशिए पर हैं।

एक अगस्त, 2024 को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में, न्यायालय ने कहा था कि राज्यों को सामाजिक रूप से विषम वर्ग बनाने वाली अनुसूचित जातियों के भीतर उप-वर्गीकरण करने का संवैधानिक अधिकार है, ताकि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए आरक्षण दिया जा सके।

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कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष पद पर बदलाव के बारे में पूछे गए सवाल पर सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘यह आलाकमान द्वारा तय किया जाएगा। केपीसीसी अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सब कुछ आलाकमान द्वारा तय किया जाता है।’’

केपीसीसी के अध्यक्ष के रूप में चार साल पूरे कर चुके उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार वर्तमान में पद पर विस्तार पर हैं। कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले में कथित रूप से शामिल होने के आरोप के बाद मंत्री बी नागेंद्र के इस्तीफे से मंत्रिमंडल में रिक्त हुए स्थान को भरने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं आलाकमान से चर्चा करूंगा और उस रिक्त स्थान को भरूंगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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