असम सरकार ने मस्जिदों और मदरसों के लिए SOP, पुलिस को देनी होगी नए इमाम और शिक्षक की जानकारी
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने कुछ एसओपी बनाई है कि अगर आपके गांव में कोई इमाम आता है और आप उसे नहीं जानते हैं तो तुरंत पुलिस स्टेशन को सूचित करें, वे सत्यापित करेंगे, उसके बाद ही वे रुक सकते हैं। असम का हमारा मुस्लिम समुदाय इस काम में हमारी मदद कर रहा है।
असम के गोलपारा जिले में 20 अगस्त को दो इमाम गिरफ्तार किए गए। दोनों के अकलायदा भारतीय उपमहाद्वीप और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से जुड़े होने के सबूत मिले हैं। दोनों असम के अलग-अलग आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा भी थे, जिनका पिछले महीने भंडाफोड़ हुआ था। असम में बीते 2 महीने से जारी ऑपरेशन में पुलिस ने कुछ मस्जिदों के कई इमामों और मदरसों के शिक्षकों को आतंकी मॉड्यूल में शामिल होने की वजह से गिरफ्तार किया है। जिसके बाद अब असम सरकार की तरफ से मस्जिदों और मदरसों के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। जिसके तहत इमाम और मदरसा शिक्षकों के रिक्रूटमेंट के लिए स्पेशल ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर (एसओपी) बनाया जा रहा है।
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असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हमने कुछ एसओपी बनाई है कि अगर आपके गांव में कोई इमाम आता है और आप उसे नहीं जानते हैं तो तुरंत पुलिस स्टेशन को सूचित करें, वे सत्यापित करेंगे, उसके बाद ही वे रुक सकते हैं। असम का हमारा मुस्लिम समुदाय इस काम में हमारी मदद कर रहा है। हम इमाम और अन्य लोगों के लिए एक पोर्टल भी बना रहे हैं जो राज्य के बाहर से मदरसे में आ रहे हैं। जो लोग असम से हैं, उन्हें उस पोर्टल में अपना नाम दर्ज करने की आवश्यकता नहीं है, बाहर के लोगों को पोर्टल में अपना नाम दर्ज करना होगा।
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बता दें कि असम के गोलपारा जिले में 20 अगस्त को दो इमाम गिरफ्तार किए गए। अब्दुस सुभान (43) मोरनोइ पुलिस थाने के तहत आने वाली तिनकुनिया शांतिपुर मस्जिद जबकि जलालुद्दीन शेख (49) तिलापारा नातुन मस्जिद का इमाम है। इस्लामिक ग्रुप के अब तक 30 सदस्य राज्य के अलग-अलग हिस्सों से पकड़े जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस्लामिक ग्रुप के अब तक 30 सदस्य असम के अलग-अलग हिस्सों से पकड़े जा चुके हैं।
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