एजेंसियों को इंटरसेप्ट करने का अधिकार देना निजता पर है सबसे बड़ा हमला: सिंघवी

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[email protected] । Dec 22 2018 6:25PM

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली की भी आलोचना की। जेटली ने दावा किया कि सूचनाओं के इंटरसेप्ट के लिए एजेंसियों को प्राधिकृत करने के लिए नियम 2009 में बनाए गए थे जब कांग्रेस नीत संप्रग सरकार सत्ता में थी।

भुवनेश्वर। कम्प्यूटर में जमा की गई सूचनाओं को ‘इंटरसेप्ट’ करने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि मोदी सरकार देश को गुमराह कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार को 3 एस- ‘स्नूपिंग’, ‘स्कैनिंग’ और ‘सर्विलांस’- तथा निजता के घोर अनादर के लिए जाना जाता है। दस एजेंसियों को कम्प्यूटरों को इंटरसेप्ट करने का अधिकार देने का हालिया कदम दिखाता है कि वह धौंस जमाने की प्रवृत्ति से पीड़ित है।’ 

सिंघवी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली की भी आलोचना की। जेटली ने दावा किया कि सूचनाओं के इंटरसेप्ट के लिए एजेंसियों को प्राधिकृत करने के लिए नियम 2009 में बनाए गए थे जब कांग्रेस नीत संप्रग सरकार सत्ता में थी। सिंघवी ने कहा कि आजादी के बाद से लोगों ने निजता में घुसपैठ की ऐसी कोशिश कभी नहीं देखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को सर्विलांस में बदलने से भाजपा सरकार को रोकने के लिए जी जान से इस कदम का विरोध करेगी।

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उन्होंने कहा कि यह मौलिक अधिकारों और निजता के अधिकार पर हमला है। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि पहले केंद्रीय एजेंसियां राष्ट्रीय सुरक्षा और गंभीर अपराधों के मामले में पूर्व अनुमति के लिए सरकार से अनुरोध कर सकती थी। उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार ने 10 एजेंसियों को किसी भी कम्प्यूटर पर, किसी भी समय और सरकार से पूर्व में अनुमति लिए बगैर सूचनाएं इंटरसेप्ट करने का अधिकार दे दिया है। उन्होंने जेटली पर देश को गुमराह करने के लिए तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा नीत सरकार को याद रखना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका पर अपने आदेश में निजता की पवित्रता को बरकरार रखा था। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला एक मौलिक अधिकार के तौर पर निजता के अधिकार का ठोस समर्थन था। केंद्र के कदम को निजता के अधिकार पर हमला बताते हुए सिंघवी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार लोगों की जिंदगी को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है और हाल का ‘‘जासूसी’’ आदेश लोगों की निरंतर निगरानी करने की जबरदस्त चाल है।

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सिंघवी ने आरोप लगाया कि केंद्र का कदम यह दिखाता है कि भाजपा को आगामी चुनावों में हार का डर है। उन्होंने कहा, ‘एक असुरक्षित सरकार डर फैला कर लोगों को नियंत्रित करना चाहती है। भाजपा आगामी चुनावों में हार से डरी हुई है।’

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