MP को मामा 'Heart of India' से बनाना चाहते हैं 'Lungs of India', बोले- हमारी जरा सी लापरवाही के कारण बिजली होती है व्यर्थ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में नर्मदा मईयां की कृपा सदा बरसती है। आज मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि हमारा एक सपना साकार हो रहा है, एक संकल्प पूरा हो रहा है। ओंकारेश्वर का यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट अपने आप में अद्भुत है।
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर परियोजना के प्रथम चरण के अनुबंध हस्ताक्षर समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने ऊर्जा आंकलन मार्गदर्शिका का विमोचन किया। प्रदेश में ऊर्जा साक्षरता को लेकर महाभियान चलाया जा रहा है।
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इसी बीच मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नर्मदा मईयां की कृपा सदा बरसती है। आज मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि हमारा एक सपना साकार हो रहा है, एक संकल्प पूरा हो रहा है। ओंकारेश्वर का यह फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट अपने आप में अद्भुत है। जिस सोलर पावर प्लांट का अनुबंध हस्ताक्षर समारोह हम कर रहे हैं वह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट है।
उन्होंने कहा कि फ्लोटिंग सोलर पैनल बिछाने के लिए जमीन की जरूरत ही नहीं है इसलिए विस्थापन भी शून्य है। सोलर पैनल बिछाने पर बिजली भी बनेगी और पानी भी बचेगा। भोपाल को 124 दिन पीने के पानी की जितनी जरूरत होती है, उतना पानी हमारे इस पावर प्लांट के कारण ओंकारेश्वर में बचेगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को पंचामृत का मंत्र दिया है। वह एक विजनरी और वैश्विक लीडर हैं। वो देश के लिए तो काम करते ही हैं लेकिन दुनिया का भी कई विषयो पर मार्गदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण आज सबसे बड़ी समस्या है। क्लाइमेट चेंज के खतरे से पूरा विश्व आज चिंतित है, लेकिन चिंता जाहिर करने से कुछ नहीं होगा बल्कि कार्बनडाई आक्साइड जैसे गैसों के उत्सर्जन को रोके, यह बेहद जरूरी है।
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उन्होंने कहा कि इस सोलर पावर प्लांट से लगभग 12 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोका जा सकता है। यह 1 करोड़ 92 लाख पेड़ लगाने के बराबर है। इसी बीच उन्होंने बताया कि मैं रोजना पेड़ लगाता हूं। अब मैं अकेले पेड़ नहीं लगाता हूं बल्कि अलग-अलग समूह मेरे साथ पेड़ लगाने आते हैं।
उन्होंने कहा कि 2012 में नवीनीकृत ऊर्जा की हमारी क्षमता थी 500 मेगावाट से कम लेकिन अब हमने उस में 10 गुना वृद्धि करके 5000 मेगावाट से ज्यादा की उत्पादन क्षमता विकसित कर ली है। मेरा भी कमिटमेंट है 2027 तक नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता बढ़ाकर 20000 मेगावाट कर दी जाएगी।
नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को दी गई स्वीकृति
इसी बीच मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अभी 'Heart of India' के नाम से जाना जाता है मेरा सपना है कि इसे 'Lungs of India' बना दूं,इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है। मैं सोलर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले सभी निवेशकों को MP की धरती पर आमंत्रित कर रहा हूं।
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मामा ने खरीदा अपना तिरंगा
इससे पहले मुख्यमंत्री ने हैशटैग हर घर तिरंगा का इस्तेमाल करते हुए ट्वीट किया कि मैंने आज अपना तिरंगा ले लिया, क्या आपने लिया ? आजादी के 75वें अमृतकाल में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आह्रवान है कि हर घर तिरंगा लहराये। आइये, राष्ट्र के गौरव व सम्मान के प्रतीक इस तिरंगे को हम स्वयं अपने घरों पर फहरायें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
मध्यप्रदेश अभी 'Heart of India' के नाम से जाना जाता है मेरा सपना है कि इसे 'Lungs of India' बना दूं,इसलिए हमने 2 अगस्त 2022 को नई रिन्यूएबल एनर्जी नीति को स्वीकृति दी है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 4, 2022
मैं #Solar ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले सभी निवेशकों को MP की धरती पर आमंत्रित कर रहा हूं। #SolarMP pic.twitter.com/eMB2vuatyh
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