शिवपाल सिंह यादव ने ट्विटर पर पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और दिनेश शर्मा को फॉलो करना शुरू किया
नाराज समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया, जिससे उनके भाजपा के करीब आने की अटकलों को और बल मिला।
लखनऊ। नाराज समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया, जिससे उनके भाजपा के करीब आने की अटकलों को और बल मिला। राजनीतिक हलकों में इस नये कदम को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल यादव के सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़कर भाजपा में जाने की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में तनाव की खबरों के बीच शिवपाल यादव द्वारा हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अटकलों को बल मिला था। इस नये कदम की पुष्टि करते हुए पीएसपीएल के प्रवक्ता दीपक मिश्रा ने शनिवार को पीटीआईसे कहा कि नए साल में कुछ नया होना चाहिए।प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ शिवपाल जी ने शनिवार (हिंदू नव वर्ष का पहला दिन) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को ट्विटर पर फॉलो करना शुरू कर दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या इस कदम को उनके भगवा खेमे में जाने की संभावना के रूप में देखा जाए। इस पर मिश्रा ने कहा कि वह संभावनाओं (संभव) से इनकार नहीं करते। उन्होंने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि राजनीति में संभावनाएं हमेशा जीवित रहती हैं। शिवपाल सिंह यादव के ट्विटर हैंडल के अनुसार वह वर्तमान में बौद्ध आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा, भारत के राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री कार्यालय और उप्रके मुख्यमंत्री कार्यालय सहित 12 ट्विटर हैंडल का अनुसरण कर रहे हैं।
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मिश्रा ने यह भी कहा कि शिवपाल जी पहले से ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को फॉलो कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच दूरियां तब से बढ़ रही हैं जब शिवपाल को 26 मार्च को नव निर्वाचित सपा विधायकों की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। शिवपाल यादव प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख हैं, लेकिन उन्होंने सपा के साइकिल चिह्न पर हाल ही में संपन्न विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वह सोमवार को अखिलेश यादव द्वारा बुलाई गई विपक्षी गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हुए थे और एक विधायक के रूप में शपथ लेने में देरी की थी। नई विधानसभा में ऐसी अटकले लगायी जा रही हैं कि चाचा-भतीजा के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।
शिवपाल यादव अगर पाला बदलते है तो कई लोगों को आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि कई मौकों पर अखिलेश ने खुद अपने चाचा पर आदित्यनाथ के संपर्क में रहने और भगवा पार्टी के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया है। राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगाये जा रहे हैं कि भाजपा शिवपाल को राज्यसभा भेज सकती है और जसवंतनगर सीट उनके बेटे आदित्य यादव को दे सकती है। इस बार शिवपाल सपा के चुनाव चिह्न पर अपनी पारंपरिक जसवंतनगर सीट से छठी बार जीते हैं।
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