शिवसेना (यूबीटी) को केवल पैसों से प्यार, 50 करोड़ रुपये वापस मांगे: मुख्यमंत्री शिंदे
यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से।’’ मुख्यमंत्री ने सत्र को ‘सफल और फलदायी’ बताया। उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। कल हमने सार्वजनिक अस्पतालों में मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के बारे में निर्णय लिया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना ने उनसे 50 करोड़ रुपयों की मांग की जिसे अविभाजित पार्टी ने चंदा के जरिये एकत्र किया था। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि ठाकरे गुट केवल पैसा चाहता है। शिंदे ने यहां राज्य विधानसभा के मॉनसूत्र के समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने यह पैसा वापस कर दिया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) नेता सुभाष देसाई और अनिल देसाई ने उन्हें पार्टी के तीर-धनुष चिह्न वाले लेटरहेड पर पत्र लिखकर उनसे 50 करोड़ रुपये जमा करने को कहा जो कि पार्टी का था।
शिंदे, जिन्होंने पिछले साल शिवसेना को विभाजित करके उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार को गिरा दिया था, ने इसका जिक्र दिन में विधानसभा में भी किया था। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके पास चंदे से एकत्र किये गये धन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि यह शिवसेना कार्यकर्ताओं से संबंधित है। भारत निर्वाचन आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न हमें प्रदान किया है।
यह मांग दिखाती है कि ये लोग केवल पैसे से प्यार करते हैं ना कि शिवसेना कार्यकर्ताओं और बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से।’’ मुख्यमंत्री ने सत्र को ‘सफल और फलदायी’ बताया। उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। कल हमने सार्वजनिक अस्पतालों में मुफ्त में इलाज मुहैया कराने के बारे में निर्णय लिया।
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