पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर स्पष्टीकरण दें शिवसेना: देवेंद्र फडणवीस
चव्हाण ने कहा, यही स्थिति पांच साल पहले भी आई थी उस समय भी शिवसेना और राकांपा की तरफ से यह प्रस्ताव मेरे पास आया था कि हम तीनों मिलकर सरकार बनाते हैं और भाजपा को रोकते हैं। उन्होंने कहा, मैंने उस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया था।
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि शिवसेना को कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के उस बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उसने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा था। विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस ने कहा कि चव्हाण का बयान बेहद चौंकाने वाला है और इससे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी का ‘‘असली चेहरा’’ उजागर हुआ है। शिवसेना ने नवंबर में कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई।
हमने वो शिव सेना देखी है, जब वीर सावरकर जी पर माननीय हिन्दूह्रदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख एक भी गलत बात नही सुनते थे,
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 20, 2020
आज वो शिवसेना है, जो वीर सावरकर जी को इतिहास मानती है। pic.twitter.com/2J0oDVWMbt
फडणवीस ने दिल्ली में मीडिया से कहा, ‘‘चव्हाण ने जो कहा वह बहुत ही आश्चर्यजनक है। उनके इस बयान को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। इस खुलासे से शिवसेना का असली चेहरा सामने आया है।’’ फडणवीस ने कहा, ‘‘शिवसेना को चव्हाण के बयान पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र में करीब दो महीने पहले शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने खुलासा किया है कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद भी उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भाजपा को रोकने के लिए मिलकर सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया था जिससे कांग्रेस ने तत्काल इनकार कर दिया था।
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चव्हाण ने रविवार को को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि शिवसेना के साथ हाथ मिलाने को लेकर इस बार भी पार्टी आलाकमान और अध्यक्ष सोनिया गांधी शुरू में तैयार नहीं थीं, लेकिन गहन विचार-विमर्श के बाद आगे बढ़ने और सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया गया। चव्हाण ने कहा, यही स्थिति पांच साल पहले भी आई थी उस समय भी शिवसेना और राकांपा की तरफ से यह प्रस्ताव मेरे पास आया था कि हम तीनों मिलकर सरकार बनाते हैं और भाजपा को रोकते हैं। उन्होंने कहा, मैंने उस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया था। मैंने कहा था कि हार-जीत राजनीति में सामान्य बात है। हम पहले भी हारे हैं और विपक्ष में बैठे हैं।
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