अगले सप्ताह राज्यसभा के एजेंडे में यह सात विधेयक, क्या विपक्षी दलों का होगा हंगामा

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बजट सत्र के आखिरी सप्ताह में राज्यसभा के एजेंडे में सात विधेयक लाए जाएंगे। राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि उच्च सदन की कार्य मंत्रणा समिति ने उपरोक्त सात विधेयकों पर चर्चा के लिए कुल 17 घंटे का समय आवंटित किया है, जबकि अगले हफ्ते सदन की प्रस्तावित कार्यवाही के लिए कुल 29 घंटे 30 मिनट का समय उपलब्ध है।

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के दौरान राज्यसभा में सात विधेयक लाएगी, जिनमें से तीन को लोकसभा पहले ही पारित कर चुकी है। संसद के उच्च सदन की कार्य मंत्रणा समिति ने आने वाले हफ्ते में इन विधेयकों पर चर्चा के लिए 17 घंटे आवंटित किए हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, 14 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे भाग के शुरुआती तीन हफ्तों में राज्यसभा की उत्पादकता 101 फीसदी रही है। उच्च सदन में बजट सत्र के आखिरी सप्ताह में जो विधेयक पेश किए जा सकते हैं, उनमें त्रिपुरा से संबंधित संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022, दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक 2022 और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स एवं कंपनी सेक्रेटरीज (संशोधन) बिल 2021 शामिल हैं, जिन पर लोकसभा पहले ही मुहर लगा चुकी है।

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उत्तर प्रदेश से संबंधित संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022, आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 और भारतीय एंटार्कटिका विधेयक 2022 को भी लोकसभा की मंजूरी के बाद राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। इसके अलावा, सामूहिक विनाश के हथियार और उनकी वितरण प्रणाली (गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम संशोधन) विधेयक 2022 भी विचार एवं स्वीकृति के लिए राज्यसभा के पटल पर पेश किया जाएगा। संशोधन विधेयक में जहां ऐसे हथियारों के वित्त पोषण पर रोक लगाने का प्रावधान किया गया है, वहीं मूल विधेयक सिर्फ इनके उत्पादन को प्रतिबंधित करता है।

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राज्यसभा के अधिकारियों ने बताया कि उच्च सदन की कार्य मंत्रणा समिति ने उपरोक्त सात विधेयकों पर चर्चा के लिए कुल 17 घंटे का समय आवंटित किया है, जबकि अगले हफ्ते सदन की प्रस्तावित कार्यवाही के लिए कुल 29 घंटे 30 मिनट का समय उपलब्ध है। निजी सदस्यों का कार्य अगले शुक्रवार को निर्धारित है। अधिकारियों के अनुसार, बजट सत्र के दूसरे भाग के शुरुआती तीन हफ्तों में राज्यसभा की उत्पादकता 101 फीसदी दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि तीसरे सप्ताह में राज्यसभा की कार्यवाही के 54 मिनट जहां हंगामे और जबरन स्थगन की भेंट चढ़े, वहीं सदस्यों ने निर्धारित समय से एक घंटे 48 मिनट अतिरिक्त काम भी किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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