सिंधिया ने अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर देश हित में उठाया कदम: कैलाश विजयवर्गीय
विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में जारी भारी राजनीतिक उथल-पुथल सत्तारूढ़ कांग्रेस की आपसी लड़ाई का परिणाम है और इसमें भाजपा की कोई भी भूमिका नहीं है।
इंदौर (मध्य प्रदेश)। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने से उठे सियासी बवंडर के बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को कहा कि सिंधिया ने मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं द्वारा अपनी घोर उपेक्षा से आहत होकर देश हित में यह कदम उठाया। विजयवर्गीय ने यहां संवाददाताओं से कहा, अगर आप राज्य के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस का चुनावी अभियान देखें, तो पता चलेगा कि सबसे ज्यादा सभाएं सिंधिया ने ही की थीं और उन्होंने ही कांग्रेस की ओर से जनता से सारे चुनावी वादे किये थे। लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय ने (कांग्रेस की चुनावी विजय के बाद) सिंधिया को दूध में से मक्खी की तरह निकालकर पूरी सरकार पर कब्जा कर लिया। उन्होंने कहा, आखिर सिंधिया एक खानदानी नेता हैं। वह कांग्रेस में अपनी इतनी उपेक्षा बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। कांग्रेस छोड़ने का उनका कदम देश हित का निर्णय है।
Delhi: Jyotiraditya Scindia leaves from his residence. He had met PM Narendra Modi and HM Amit Shah earlier today and had tendered his resignation to Congress President Sonia Gandhi pic.twitter.com/rRMrSJDxND
— ANI (@ANI) March 10, 2020
विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में जारी भारी राजनीतिक उथल-पुथल सत्तारूढ़ कांग्रेस की आपसी लड़ाई का परिणाम है और इसमें भाजपा की कोई भी भूमिका नहीं है। भाजपा महासचिव ने कहा, कांग्रेस से सिंधिया का इस्तीफा मध्य प्रदेश से हुई एक शुरूआत है। यदि कांग्रेस ने अपनी नीति और नीयत नहीं बदली, तो पूरे देश से इस पार्टी का सफाया हो जायेगा। उन्होंने दावा किया, हमें काफी पहले से लग रहा था कि कमलनाथ सरकार लम्बे समय तक चलने वाली नहीं है क्योंकि पार्टी (कांग्रेस) पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान जनता से किये वादे निभाने में नाकाम रही है। इस वजह से कांग्रेस के कई नेता अपने राजनीतिक भविष्य के प्रति आशंकित हैं।
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