पंजाब में अनुसूचित जाति सदस्य राजस्थान में भूमि खरीद के लिए जाति लाभ का दावा नहीं कर सकते: न्यायालय

Apex Court
प्रतिरूप फोटो

शीर्ष अदालत के पहले के फैसलों का जिक्र करते हुए, न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता पंजाब का स्थायी निवासी है और वह राजस्थान में अनुसूचित जाति के सदस्य होने के लाभ का दावा नहीं कर सकता है, जोकि मूल आवंटी को अनुसूचित जाति भूमिहीन व्यक्ति के रूप में दी गई थी।

नयी दिल्ली| उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था कि पंजाब का कोई निवासी, अनुसूचित जाति का सदस्य होने के आधार पर राजस्थान में भूमि खरीद के लिए अनुसूचित जाति का लाभ नहीं ले सकता है।

शीर्ष अदालत के पहले के फैसलों का जिक्र करते हुए, न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता पंजाब का स्थायी निवासी है और वह राजस्थान में अनुसूचित जाति के सदस्य होने के लाभ का दावा नहीं कर सकता है, जोकि मूल आवंटी को अनुसूचित जाति भूमिहीन व्यक्ति के रूप में दी गई थी।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने ठीक फैसला दिया था कि अपीलकर्ता के पक्ष में जमीन का लेन-देन राजस्थान काश्तकारी अधिनियम, 1955 के एक प्रावधान का स्पष्ट उल्लंघन है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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