Yes Milord: आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला दे दिया, किसान मुद्दे को हल करने के लिए बनेगी कमेटी, जानें इस हफ्ते कोर्ट में क्या हुआ

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ANI
अभिनय आकाश । Aug 24 2024 2:16PM

19 अगस्त से 24 अगस्त 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

किसानों की समस्याएं जल्द हल करने के लिए गठित होगी समिति। बदलापुर स्कूल केस में बॉम्बे हाई कोर्ट की फटकार पर जागी पुलिस। सुप्रीम कोर्ट में सरोगेसी कानून के प्रावधान को चुनौती दी गई। ओबीसी को दिल्ली सरकार और नगर निगम में होने वाली नियुक्तियों में आरक्षण का अधिकार। कोलकाता केस में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को फटकारा। इस सप्ताह यानी 19 अगस्त से 24 अगस्त 2024 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे। 

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बदलापुर कांड पर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना के सिलसिले में पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए इस अपराध को स्तब्धकारी करार दिया। इस घटना को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ है। मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (प्राथमिकी) दर्ज करने में देरी के लिए स्थानीय पुलिस को फटकार लगाई तथा पुलिस को अपराध की सूचना तुरंत नहीं देने को लेकर स्कूल प्राधिकारियों की भी आलोचना की। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि बच्चों खासकर लड़कियों की रक्षा और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। ठाणे जिले के एक स्कूल के शौचालय में पुरुष सहायक द्वारा 12 और 13 अगस्त को चार साल की दो बच्चियों का कथित यौन उत्पीड़न किया गया था। अदालत में पेश किए गए पुलिस दस्तावेजों के अनुसार, इस मामले में प्राथमिकी 16 अगस्त को दर्ज की गई और आरोपी को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया।

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कोलकाता केस में सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से कथित तौर पर बलात्कार एवं उसकी हत्या के संबंध में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करने में कोलकाता पुलिस की देरी बेहद व्यथित करने वाली है। कोर्ट ने साथ ही बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं के अवरुद्ध होने के 14वें दिन प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से काम पर लौटने का आग्रह किया। न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को देशभर में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश देते हुए, कोलकाता की घटना में प्राथमिकी दर्ज करने में 14 घंटे की देरी और इसके पीछे के कारणों पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट के आश्वासन के बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन (FORDA) ने अपनी हड़ताल को वापस ले लिया। दिल्ली एम्स, राममनोहर लोहिया अस्पताल, एलएनजेपी समेत कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी 11 दिनों से जारी हड़ताल को खत्म करने का ऐलान किया।

शंभू बॉर्डर पर बैठे हैं प्रदर्शनकारी किसान मुद्दे को हल करने के लिए SC बनाएगा कमेटी

शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह किसानों की शिकायतों के निपटारे और सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए जल्द ही एक कमिटी का गठन करेगा। कमिटी में कई सदस्य होंगे और इसके लिए 2 सितंबर की तारीख तय कर दी है। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से कहा है कि वह किसानों के मुद्दे की जानकारी कमिटी को दें। इससे पहले पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 12 अगस्त के आदेश का पालन करते हुए उसने किसानों के साथ बैठक की, ताकि बंद हाइवे को आशिक तौर पर खोला जा सके और किसान इसके लिए सहमत हो गए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह किसानों से मीटिंग जारी रखे। किसान फसलों के एमएसपी की कानूनी अमित अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से शंभू बॉर्डर पर बैठे हुए हैं।

सुप्रीम कोर्ट की कसौटी से गुजरेगा सरोगेसी कानून

सुप्रीम कोर्ट में सरोगेसी कानून के प्रावधान को चुनौती दी गई है। कोर्ट इस मामले की सुनवाई 10 सितंबर को करेगा। इस दौरान कोर्ट ने पांच सवाल तय किए है, जिनका परीक्षण किया जाएगा। पहला- कमर्शल मकसद के लिए सरोगेसी पर लगाए गया प्रतिबंध क्या संवैधानिक है? दूसरा- ऐसे शादीशुदा दंपती जिनका बच्चा नहीं बच पाया है, क्या उन्हें ही सरोगेसी की इजाजत होगी? कानून में प्रावधान है कि शादीशुदा जोड़े जिनमें महिला की उम्र 23 से 50 साल हो और पुरुष की उम्र 26 से 55 साल की हो, हो, वही सरोगेसी के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट परखेगा कि क्या यह प्रावधान संवैधानिक है? तीसरा सवाल है कि ऐसी सिंगल महिला जो 35 से 45 साल के बीच हो और तलाकशुदा या विधवा हो वही सरोगेसी के लिए जा सकती है? सिंगल महिला के मामले में यह शर्त क्या संवैधानिक है? चौथा- जिन दंपती के बच्चे नहीं हैं या बच्चे नहीं बचे, वही सरोगेसी को जा सकते हैं, क्या यह संवैधानिक है? पांचवां सवाल यह है कि सरोगेसी ऐक्ट 2021 के लागू होने से पहले जिनका सरोगेसी प्रोसेस शुरू हुआ, क्या उन पर भी प्रावधान लागू होगा?

केंद्रीय सूची की ओबीसी जातियों को मिले आरक्षण का लाभ

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा कि केंद्रीय सूची में शामिल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों को दिल्ली सरकार और नगर निगम में होने वाली नियुक्तियों में आरक्षण का अधिकार है। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के पद पर नियुक्ति के लिए ओबीसी (केंद्रीय) प्रमाण पत्र को मान्य ठहराया गया था।

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