Raghav Chadha का Sanjay Singh ने किया बचाव, कहा- 'गृह मंत्री अमित शाह जी झूठ और अफवाह मत फैलाइये'

Sanjay Singh
ANI
रेनू तिवारी । Aug 8 2023 12:11PM

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में साथी आप नेता राघव चड्ढा द्वारा दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए सदन की एक चयन समिति का प्रस्ताव रखने वाले प्रस्ताव में "फर्जी हस्ताक्षर" के आरोपों को खारिज कर दिया। जिसमें बताया गया कि किसी के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में साथी आप नेता राघव चड्ढा द्वारा दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए सदन की एक चयन समिति का प्रस्ताव रखने वाले प्रस्ताव में "फर्जी हस्ताक्षर" के आरोपों को खारिज कर दिया। जिसमें बताया गया कि किसी के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। एक प्रस्ताव बनाना और नामित सदस्य इसे स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र हैं। संजय सिंह ने अपने बयान में अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा है कि आपकी पार्टी का काम है झूठ फैलाना है। हर बात में झूठ फैलाते हैं आप। सभी दलों के लोगों से मिलकर चयन समिति बनती है। राघव चड्ढा ने इस बात को ध्यान में रखते हुए कुछ लोगों के नाम प्रस्तावित किए हैं। अगर उनकी ओर से प्रस्तावित नाम पसंद नहीं है तो आप चयन समिति में वो नाम नहीं लीजिए। आप मसले पर विशेषाधिकार दिखा रहे हैं।

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आगे आप सांसद संजय सिंह का कहना है, "देश के गृह मंत्री अमित शाह राघव चड्ढा के पीछे पड़े हैं। जैसे राहुल गांधी की सदस्यता झूठे और बेबुनियाद केस के जरिए छीन ली गई, वैसे ही वे राघव की सदस्यता छीनना चाहते हैं। वे बहुत खतरनाक लोग हैं। वे कुछ भी कर सकते हैं। लेकिन हम आम आदमी के सिपाही हैं। हम उनसे डरते नहीं हैं। हम उनसे लड़ते हैं और लड़ते रहेंगे। अगर राघव की सदस्यता छीनी गई तो वह निर्वाचित होकर वापस आएंगे और उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। 

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हालांकि, सिंह ने ट्विटर पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा कि नियम कहते हैं कि कोई भी सदस्य अपने हस्ताक्षर की आवश्यकता के बिना चयन समिति में शामिल करने के लिए किसी साथी सदस्य का नाम प्रस्तावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि पार्टी लाइनों से परे सदस्यों को चयन समिति के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है और यदि वे इसमें शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो यह उन पर निर्भर है।

चड्ढा ने विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए उच्च सदन में चयन समिति का प्रस्ताव रखा था, जिसे सोमवार को 131 से 102 वोटों के साथ पारित कर दिया गया। यह विधेयक सेवाओं पर निर्वाचित दिल्ली सरकार की शक्ति को कमजोर करता है।

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