TMC सांसद Derek O'Brien के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, मानूसन सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित
सभापति ने ओ'ब्रायन पर "नाटकीयता में लगे रहने" को एक आदत बनाने का आरोप लगाया था, जिस पर ओ'ब्रायन ने कड़ी आपत्ति जताई थी, जिन्होंने कहा था कि वह सदन के नियमों का हवाला दे रहे थे और मणिपुर पर गंभीर चर्चा की मांग कर रहे थे।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को मंगलवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने "राज्यसभा सदस्य के लिए अशोभनीय अशोभनीय व्यवहार के लिए" संसद सत्र के मौजूदा मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। सदन के नेता पीयूष गोयल ने "सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डालने, सभापति की अवज्ञा करने और सदन में लगातार अशांति पैदा करने के लिए" उनके निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया। निलंबन आदेश के बाद भारी हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।
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ओ'ब्रायन का निलंबन धनखड़ और तृणमूल कांग्रेस सांसद के बीच संसद के उच्च सदन में तीखी बहस के बाद हुआ है। सभापति ने ओ'ब्रायन पर "नाटकीयता में लगे रहने" को एक आदत बनाने का आरोप लगाया था, जिस पर ओ'ब्रायन ने कड़ी आपत्ति जताई थी, जिन्होंने कहा था कि वह सदन के नियमों का हवाला दे रहे थे और मणिपुर पर गंभीर चर्चा की मांग कर रहे थे। यह बहस तब हुई जब धनखड़ सदन के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे और बता रहे थे कि सदन में बार-बार होने वाले व्यवधान से लोगों के बीच सम्मान पैदा नहीं होता है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्हें हर जगह से इनपुट मिल रहे थे, जो सदन की स्थिति पर "खतरनाक चिंता" का संकेत दे रहे थे।
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इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने मंगलवार को दावा किया कि विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लोकसभा में ‘बुलाने’ के लिए अविश्वास प्रस्ताव संबंधी नियमों का सहारा लिया है। राज्यसभा में टीएमसी के नेता ओ’ब्रायन ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री से ऊपरी सदन में आने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को आखिरकार लोकसभा में बुलाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव संबंधी नियमों का सहारा लिया गया है।’’
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