टीपू सुल्तान के नाम पर पार्क का नामकरण करने को लेकर शिवसेना और भाजपा में रार, जानिए क्या है पूरा विवाद ?

देवनार डंपिंग रोड पर बन रहे पार्क का नाम टीपू सुल्तान रखे जाने की कोशिशों के बीच हिन्दू संगठनों और भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, यह पार्क काफी दिनों से गंदा और अतिक्रमण का शिकार था।
मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर से शिवसेना और भाजपा आमने-सामने नजर आ रही है। इस बार मुद्दा नामकरण से जुड़ा हुआ है। बता दें कि भारतीय इतिहास के चर्चित योद्धा और 'शेर-ए-मैसूर' का खिताब हासिल करने वाले टीपू सुल्तान के नाम पर एक पार्क का नाम रखे जाने को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है।
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बता दें कि देवनार डंपिंग रोड पर बन रहे पार्क का नाम टीपू सुल्तान रखे जाने की कोशिशों के बीच हिन्दू संगठनों और भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, यह पार्क काफी दिनों से गंदा और अतिक्रमण का शिकार था। ऐसे में साफ-सफाई कराकर इसे नया रूप देने की कोशिश की जा रही है।
कैसे शुरू हुआ विवाद ?
जनवरी 2021 में गोवंडी से समाजवादी पार्टी की पार्षद रुखसाना सिद्दीकी ने बाजार एवं उद्यान समिति को एक पत्र लिखा। जिसमें सुझाव दिया गया कि दो एकड़ में फैले एक पार्क का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा जाए। क्योंकि वह स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इस मांग को बीएमसी ने जून में मान लिया था और 15 जुलाई को मंजूरी के लिए मार्केट एंड गार्डन कमेटी के पास भेजा था।
अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक समाजवादी पार्टी पार्षद की मांग को बीएमसी द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद मामला गर्मा गया। हिन्दू जनजागृति समिति और भाजपा ने फैसले की आलोचना की और कहा कि टीपू सुल्तान हिन्दू विरोधी थे। ऐसे में उनके नाम पर बगीचे का नामकरण करने से धार्मिक भावनाएं आहत होगी। इसलिए इस सुझाव को रद्द किया जाना चाहिए।
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भाजपा की चेतावनी
भाजपा ने चेतावनी दी कि अगर इस प्रस्ताव को रद्द नहीं किया गया तो बीएमसी और शिवसेना के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा। इतना ही नहीं भाजपा पार्षद बालचंद्र शिरसाट ने तो शिवसेना पर समिति की बैठक के दौरान अपनी पार्टी के लोगों को नहीं बोलने देने का आरोप लगाया।
इस मामले में शिवसेना ने कहा कि चर्चा का कोई मतलब नहीं है क्योंकि प्रस्ताव बीएमसी प्रशासन को वापस भेज दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रस्ताव को फिर से समिति के समक्ष भेजा जा सकता है। ऐसे में यदि बाजार एवं उद्यान समिति प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो उसे अंतिम मंजूरी के लिए नगर निगम के पास भेजा जाएगा।
शिवसेना ने प्रस्ताव क्यों रद्द नहीं किया ?
पार्क का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखने का सुझाव समाजवादी पार्टी का था। हालांकि शिवसेना का समाजवादी पार्टी के साथ सीधे गठबंधन नहीं है लेकिन बीएमसी के कामकाज में समाजवादी पार्टी मदद करती रहती है। इसके अलावा शिवसेना को यह डर भी सता रहा होगा कि अगर प्रस्ताव को रद्द कर दिया तो महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस और एनसीपी की आलोचनाएं सहनी पड़ सकती है।
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सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश !
शिवसेना ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि वह इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है। शहर में टीपू सुल्तान के नाम पर और भी जगहें हैं। आपको बता दें कि मुंबई के पश्चिमी इलाके में टीपू सुल्तान के नाम पर कम से कम दो चीजें हैं। पहली 13 दिसंबर 2020 को कांग्रेस विधायक असलम शेख ने मलाड वेस्ट के लैगून रोड स्थित टीपू सुल्तान मैदान का भूमि पूजन किया था। इसी तरह कुछ साल पहले अंधेरी वेस्ट में एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया था।
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