एआई को विननियमित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के बीच सही संतुलन की आवश्यकता:धनखड़

Jagdeep Dhankhar
ANI

उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक आम व्यक्ति अपने दम पर समाधान नहीं खोज पाएगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को आम नागरिकों को स्वचालित, अंतर्निहित राहत प्रदान करनी चाहिए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) को विननियमित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के बीच सही संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने एक स्वतंत्र एवं जवाबदेह राष्ट्रीय कृत्रिम मेधा प्राधिकरण का भी आह्वान किया।

धनखड़ ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विनियमन और नवाचार को बढ़ावा देने के बीच सही संतुलन बनाए रखते हुए एआई के विनियमन की आवश्यकता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, अत्यधिक विनियमन एक बच्चे को अत्यधिक अनुशासन में रखने जैसा है। हमें उद्यमशीलता की भावना को बाधित नहीं करना है। उन्होंने यह भी कहा कि आम नागरिकों पर कृत्रिम मेधा का प्रभाव विनियमन व्यवस्था के केंद्र में होना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक आम व्यक्ति अपने दम पर समाधान नहीं खोज पाएगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को आम नागरिकों को स्वचालित, अंतर्निहित राहत प्रदान करनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़