राजनाथ सिंह ने ममता बनर्जी को लिखा पत्र, कहा- झांकियों के चयन की प्रक्रिया है पारदर्शी
राजनाथ ने लिखा कि अब से हर बार गणतंत्र दिवस समारोह की शुरूआत नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को समापन किया जाएगा। वर्तमान सरकार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और पश्चिम बंगाल के सभी स्वाधीनता सेनानियों के प्रति कृतज्ञ है।
गणतंत्र दिवस परेड में बंगाल की नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर बनाई गई झांकी को शामिल नहीं किए जाने का मुद्दा गर्म है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार केंद्र सरकार पर भेदभाव करने का आरोप लगा रही हैं। इन सब के बीच आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पत्र लिखकर ममता बनर्जी के आरोपों का जवाब दिया है। राजनाथ सिंह ने अपने लिखे पत्र में इस बात को भी स्पष्ट कर दिया कि गणतंत्र दिवस परेड में झांकी को शामिल करने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रहती है। अपने पत्र में राजनाथ सिंह ने लिखा कि देश की आजादी के लिए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का योगदान प्रत्येक भारतीय के लिए अविस्मरणीय है। इसी भावना को सर्वोपरि रखते हुए माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी के जन्मदिवस, 23 जनवरी के दिन को 'पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया है।
इसके साथ ही राजनाथ ने लिखा कि अब से हर बार गणतंत्र दिवस समारोह की शुरूआत नेताजी के जन्मदिवस 23 जनवरी से शुरू होकर 30 जनवरी को समापन किया जाएगा। वर्तमान सरकार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और पश्चिम बंगाल के सभी स्वाधीनता सेनानियों के प्रति कृतज्ञ है। अपने पत्र में राजनाथ ने लिखा कि मैं आपको विश्वास दिलाना चाहूंगा कि गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाली झांकियों की चयन प्रक्रिया बहुत पारदर्शी है। कला, संस्कृति, संगीत और नृत्य विधाओं के प्रख्यात विद्वानों की समिति राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों के कई दौर में मूल्यांकन के बाद इनकी अनुशंसा करती है। इसी चयन प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल राज्य की झांकी ने वर्ष क्रमश 2016 2017, 2019 और 2021 में भी गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भाग लिया था।Defence minister Rajnath Singh wrote to West Bengal Chief Minister over exclusion of the state's tableaux for Republic Day celebrations
— ANI (@ANI) January 18, 2022
In a letter, the defence minister wrote, "West Bengal's tableau has been selected for participation in R-Day during 2016, 2017,2019, & 2021." pic.twitter.com/7KiAcQjpzm
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राजनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने ही 1943 में नेताजी के नेतृत्व में बनी भारत की निर्वासित सरकार की पचहत्तरवीं वर्षगांठ 2018 में भव्य रूप से मनायी थी और गणतंत्र दिवस परेड में आजाद हिंद फौज के जीवित सेनानियों को शामिल कर सम्मानित भी किया था। यहां एक और तथ्य से अवगत करवाना चाहूंगा कि इस बार सीपीडब्ल्यूडी की झांकी में भी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। यह इस तथ्य का साक्षी है कि देश द्वारा महान नेता सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को प्रमुखता दी जा रही है। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के वर्ष में गणतंत्र दिवस का यह पर्व केन्द्र और सभी राज्यों के लिए एक अति विशिष्ट अवसर है।
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आपको बता दें कि इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती है। इसी को ध्यान में रखकर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से नेताजी पर केंद्रित झांकी बनाई गई थी। केंद्र सरकार की ओर से बंगाल सरकार को इस बात की भी जानकारी दे दी गई है कि गणतंत्र दिवस के परेड में इस बार उसकी झांकी शामिल नहीं की जाएगी। इसको लेकर ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस पर पुनर्विचार करने की मांग की थी।
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