Arunachal दौरे पर राजनाथ सिंह, बोले- भारत किसी की जमीन पर कब्जा नहीं करता, सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास हमारी प्राथमिकता
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हाल में BRO ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने सियोम पुल का उद्घाटन किया। यह पुल रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा बीआरओ की ओर से 28 प्रोजेक्ट को भी राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र का विकास हमारी प्राथमिकता है। इसी के साथ रक्षा मंत्री ने कहा कि शांति के साथ भारत शक्ति की भी उपासना करता है। युद्ध में हम यकीन नहीं रखते लेकिन जरूरत पड़ने पर पीछे नहीं रहेंगे। भारत किसी की जमीन पर कब्जा नहीं करना चाहता। भारत की आन बान शान की रक्षा करने के लिए हम पूरी तरीके से प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि आज, सीमा सड़क संगठन द्वारा, देश के सीमावर्ती इलाकों में निर्मित, 28 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं को, राष्ट्र को समर्पित करते हुए मुझे बड़ी खुशी और गौरव का अनुभव हो रहा है। साथ ही BRO@2047 Vision document जारी करना भी, मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है।
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रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि हाल में BRO ने जिस भावना और गति के साथ विकास कार्यों को अंजाम दिया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने की योजना सरकार की प्राथमिकता में है, ताकि वहां रहने वाले लोगों के विकास के साथ-साथ, उनमें व्यवस्था के प्रति विश्वास की भावना विकसित हो सके। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने कहा कि बदलती दुनिया, बदलते समय और राष्ट्रों के बदलते हितों के मद्देनज़र किसी भी राष्ट्र को अपने आपको सशक्त रखना एक बड़ी आवश्यकता हैI दुनिया में आए दिन किसी न किसी प्रकार के संघर्ष की स्थिति दिखाई देती रहती हैI हालांकि, भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, और यही भारत की नीति रही है। भारत की धरती से ही वसुधैव कुटुंबकम का संदेश गया है। हम शांति के साथ साथ शक्ति के भी उपासक हैं।
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राजनाथ ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने “this is not the era of war” कहकर भारत के संकल्प को पुनः स्पष्ट किया था और दुनिया का ध्यान इस संकल्प की ओर आकर्षित किया था। यानि हम युद्ध में यकीन नहीं रखते हैं। पर अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है, तो हम हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। हमारा मानना है, कि उत्तर-पूर्व क्षेत्र, न केवल हमारे देश के समग्र विकास के लिए, बल्कि पूर्व एशिया के साथ हमारे पुनर्निर्माण, व्यापार, यात्रा और पर्यटन का भी प्रवेश द्वार है। हमारे देश का यह पूर्वी हिस्सा उतना ही अधिक मजबूत होगा, हमारा पूरा देश उतना ही मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाएं और देश की जनता के साथ आगे बढ़ते हुए देख रहा हूं, तो मैं कह सकता हूं, कि तब मैंने ब्रो को 'ब्रो' यानी 'भाई' गलत नहीं, बिल्कुल सही पढ़ा था। ओबीआर, यानी हमारी सेना का 'ब्रो', बीआरओ यानी हमारे देशवासियों का 'ब्रो'।
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