रेलवे ने बुलेट ट्रेन के लिए स्वचालित वर्षा निगरानी प्रणाली अपनाई : Ashwini Vaishnav
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एनएचएसआरसीएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इन आंकड़ों को ट्रेन यातायात नियंत्रक के साथ साझा किया जाता है ताकि ट्रेन की गति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन की सलाह दी जा सके।’’
नयी दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि बुलेट ट्रेन सेवा का सुरक्षित परिचालन सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित वर्षा निगरानी प्रणाली अपनाई गई है। अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘बुलेट ट्रेन सेवाओं के सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एक स्वचालित वर्षा निगरानी प्रणाली को अपनाया गया है। यह प्रणाली उन्नत उपकरण प्रणाली से सुसज्जित वर्षामापी यंत्रों का इस्तेमाल करके वर्षा पर वास्तविक समय वाले आंकड़े प्रदान करेगी। ’’
बुलेट ट्रेन परियोजना कॉरिडोर का निर्माण कर रही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के अनुसार ट्रैक रखरखाव केंद्र ट्रैक के पास स्थापित वर्षा गेज द्वारा उत्पन्न आंकड़ों की निगरानी करेगा। एनएचएसआरसीएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इन आंकड़ों को ट्रेन यातायात नियंत्रक के साथ साझा किया जाता है ताकि ट्रेन की गति को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन की सलाह दी जा सके।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलेगी, इसलिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर मिनट सावधानी बरती जा रही है।’’ रेल मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर बुलेट ट्रेन परियोजना के पहले चरण, गुजरात के सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर लंबे खंड के अगस्त 2026 तक पूरा होने की घोषणा की है। एनएचएसआरसीएल के अनुसार, बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपनी अधिकतम गति से चलेगी और 508 किलोमीटर की दूरी दो घंटे और 58 मिनट में तय करेगी, जिसमें सभी 10 स्टेशनों पर इसका ठहराव समय भी शामिल है।
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बुलेट ट्रेन मुंबई से शुरू होगी और 10 स्टेशनों अर्थात ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद और अहमदाबाद को कवर करने के बाद साबरमती पर समाप्त होगी। बुलेट ट्रेन परियोजना में 508 किलोमीटर में से 352 किलोमीटर गुजरात और दादर एवं नगर हवेली में पड़ता है जबकि शेष 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में है।इसमें कुल 12 स्टेशन हैं, जिनमें से आठ गुजरात में और चार महाराष्ट्र में हैं।
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