कठपुतली मुख्यमंत्री हैं उद्धव ठाकरे, सोनिया और पवार की मंजूरी से लेते हैं फैसले: भाजपा
मुनगंटीवार ने कहा कि उन्हें कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने वाले ठाकरे पर तरस आता है। प्रदेश के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे उद्धव ठाकरे पर तरस आता है। एक समय जिनके चेहरे पर चमक होती थी अब वह चेहरा पीला पड़ गया है।
नागपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने बृहस्पतिवार को उद्धव ठाकरे को “कठपुतली मुख्यमंत्री” करार देते हुए कहा कि उन्हें कोई भी निर्णय लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की मंजूरी लेनी पड़ती है। मुनगंटीवार नागपुर में विधान भवन के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे। यहां महाराष्ट्र विभानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। उन्होंने कहा, “ कांग्रेस और राकांपा ने एक कठपुतली मुख्यमंत्री चुना है। कोई भी निर्णय लेने से पहले मुख्यमंत्री को सोनिया गांधी और शरद पवार से मंजूरी लेनी पड़ती है। इसीलिए सदन में हमारे सवालों का जवाब देने के बजाय वह राष्ट्रीय मुद्दों की बात करते हैं जिन्हें सामान्यत: जनसभाओं में उठाया जाता है।’’
उद्धवा अजब तुझे सरकार..
— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) December 18, 2019
श्री. सुधीर मुनगंटीवार
Sudhir Mungantiwar pic.twitter.com/mqDfZhimle
मुनगंटीवार ने कहा कि उन्हें कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने वाले ठाकरे पर तरस आता है। प्रदेश के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘मुझे उद्धव ठाकरे पर तरस आता है। एक समय जिनके चेहरे पर चमक होती थी अब वह चेहरा पीला पड़ गया है। यह संगत का असर है। उन्होंने कहा, “लोगों ने आज एक “कठपुतली मुख्यमंत्री” को देखा है। उन्हें सोनिया गांधी और शरद पवार से बचना चाहिए।’’
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गत 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में क्रमशः 105 और 56 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था। हालांकि बाद में भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद को साझा करने से इनकार करने पर शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने तीन दशक लंबे राजनीतिक संबंध तोड़ लिए जिसके बाद राज्य में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया। अंततः उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार बनाने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक साथ आए। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
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