महिला सुरक्षा पर राष्ट्रपति बोले- POCSO एक्ट में दया याचिका का प्रावधान खत्म हो
कोविंद ने कहा कि अब यह सब हमारी संसद पर निर्भर करता है। उसमें एक संविधान है और उसमें संशोधन लेकिन उस दिशा में हम सब की सोच एक आगे बढ रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है।
जयपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि पोक्सो कानून के अधीन आने वाली घटनाओं में अभियुक्तों को दया के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए और उन्हें इस तरह का अधिकार दिए जाने की कोई जरूरत नहीं है। राष्ट्रपति माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी के मुख्यालय में सामाजिक परिवर्तन के लिए महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।
#WATCH "Women safety is a serious issue. Rape convicts under POCSO Act should not have right to file mercy petition. Parliament should review mercy petitions,"President Ram Nath Kovind at an event in Sirohi, Rajasthan pic.twitter.com/0noGCUaNhQ
— ANI (@ANI) December 6, 2019
महिलाओं व बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘ इस तरह के जो अभियुक्त होते हैं उन्हें संविधान में दया याचिका अधिकार दिया गया है। और मैंने कहा है कि इस पर आप पुनर्विचार करिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पोक्सो एक्ट के तहत आने वाली घटनाओं में उनको (अभियुक्तों को) दया याचिका के अधिकार से वंचित कर दिया जाये। उन्हें इस प्रकार के किसी भी अधिकार की जरूरत नहीं है।’’
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कोविंद ने कहा कि इस बारे में कोई कदम संसद को उठाना है। कोविंद ने कहा, ‘‘अब यह सब हमारी संसद पर निर्भर करता है। उसमें एक संविधान है और उसमें संशोधन लेकिन उस दिशा में हम सब की सोच एक आगे बढ रही है।’’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है। इस विषय पर बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।’’ उन्होंने कहा कि बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में ‘महिलाओं के प्रति सम्मान’ की भावना मजबूत बनाने की ज़िम्मेदारी हर माता-पिता की है।
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