पीएम आवास योजना शहरी के नौ वर्ष पूरे, लोगों के जीवन में सुगमता-सम्मान को प्रोत्साहन

modi in ayodhya
प्रतिरूप फोटो
ANI
रितिका कमठान । Jun 29 2024 5:38PM

अब ग्रामीण एवं शहरी अतिरिक्त घरों के निर्माण का निर्णय राष्ट्र की आवास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने, प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन सुनिश्चित करने और वंचितों को पक्के घर देने के प्रति तीसरे कार्यकाल में भी केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की 9वीं वर्षगांठ पर यह बताना जरूरी है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण एवं शहरी घर करोड़ों भारतीयों के ‘जीवनयापन में सुगमता' और सम्मान को एक प्रोत्साहन है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पिछले कार्यकाल में योजना को दिसंबर, 2024 तक विस्तार दिया था ताकि स्वीकृत मकानों का निर्माण पूरा हो सके और लाभार्थियों को चाबी सौंपी जा सके। अभी तक जो 4 करोड़ से अधिक घर बने हैं उनमें से एक करोड़ से अधिक घर शहरी गरीबों को दिए गए हैं। अब ग्रामीण एवं शहरी अतिरिक्त घरों के निर्माण का निर्णय राष्ट्र की आवास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने, प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन सुनिश्चित करने और वंचितों को पक्के घर देने के प्रति तीसरे कार्यकाल में भी केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

पीएमएवाई के तहत निर्मित सभी घरों में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की अन्य योजनाओं को मिलाते हुए घरेलू शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, सक्रिय घरेलू नल कनेक्शन समेत अन्य बुनियादी सुविधाएं दी जाती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कहा गया कि पात्र परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी से पैदा हुई आवास की जरूरतों को यह 3 करोड़ अतिरिक्त मकान पूरा करेंगे जिसके लिए ग्रामीण और शहरी परिवारों को सरकार सहायता देगी।

आवास योजना, गरीबों के साथ-साथ महिला सशकतीकरण को भी बहुत बड़ी ताकत दे रही है।

बीते नौ वर्षों में देश में जो मकान लाभार्थियों को दिए गए हैं उनमें लगभग 70 प्रतिशत घर महिलाओं के नाम है। इसमें जयादातर महिलाएं वो हैं जिनके नाम पर पहली बार कोई प्रपॉर्टी रजिस्टर हुई है। केंद्र सरकार की सभी के लिए आवास योजना में घर पाकर ना सिर्फ लोग सम्मानित महसूस कर रहे हैं बल्कि इससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हो रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के मकान के लिए केंद्र सरकार लगातार अपना बजट भी बढ़ा रही है। चालू वित्त विर्ष में जरुरतमंद पात्र लाभार्थियों के लिए अधिक से अधिक पक्के घर बने इसके लिए 2024-25 के बजट में 80 हजार 671 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यह घर ऐसे परिवारों को मिल रहे हैं, जिनके पास अपना पक्का घर नहीं था। आधुनिक तकनीक वाले लाइट हाउस बनाए जा रहे हैं, जिसमें करीब 16 लाख मकान बन रहे है।

पीएम आवास योजना ग्रामीण में मिलती हैं ये सहायता

प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र सरकार जो सहायता देती है, उसकी प्रक्रिया और राशि निर्धारित है। पीएमएवाई जी में मैदानी क्षेत्र के लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपये और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यो, कठिन क्षेत्रों और एकीकृत कार्य योजना जिलों में 1.30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, या वित्त पोषण के किसी अन्य समप्रित स्त्रोत के साथ मिलकर शौचालय के निर्माण के लिए 12,000/- रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाती है। पीएमएवाई जी परिवारों को अन्य प्रासंगिक योजनाओं के साथ पानी, एलपीजी, और बिजली कनेक्शन दिए जाते है।

योजनाओं के सलैचुरेशन का प्रयास

जीवन की मूलभूत जरुरतों के लिए भी वर्षों तक पुरानी व्यवस्था में लोग तरसते रहे। झुग्गी-झोपड़ी में जन्म लिया और आने वाली मेरी पीढ़ी भी झोपड़ी में रहेगी इस सोच से देश बाहर निकल रहा है। वर्तमान सरकार पिछले 10 वर्षों से योजनाओं के सैचुरेशन का जो प्रयास कर रही है, उसमें पीएम आवास योजना बड़ा पहलू है। धर्म जाति, प्रांत से ऊपर उठकर सभी पात्र लाभार्थी को आवास दिए जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि जब गरीब के जीवन की मूल आवश्यकताओं की चिंता कम होती है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ जाता है।

किराए के मकान की व्यवस्था भी कर रही है सरकार

केंद्र सरकार जिनके पास अपना घर नहीं है, उन्हें सही किराए पर अच्छा घर मिले इसकी चिंता भी कर रही है। सरकार ने शहरी प्रवासियों, मजदूरों और दूसरे काम करने वालों को किराए के घर के लिए विशेष योजना बनाई है। इसके लिए अनेक शहरों में विशेष कॉम्प्लेक्स भी बनाए जा रहे है। किफायती किराए के आवास परिसर (एआरएचसी) की शुरुआत केंद्र सरकार ने की है। इसके एक मॉडल के तहत तमिलनाडु में 18,112 यूनिट समेत कुल 48,113 यूनिट का निर्माण हो रहा है। इस योजना में प्रवासियों को उनके कार्यस्थल के नजदीक किफायती दर से किराए का मकान उपलब्ध कराया जाएगा।

योजना के पहले मॉडल में चंडीगढ़, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में मौजूदा सरकारी वित्त पोषित 5648 आवास शहरी गरीब और प्रवासी के लिए एआरएचसी में परिवर्तित कर दिया गया है। साथ ही 7 हजार से अधिक खाली घरों को भी एआरएचसी में परिवर्तित करने की प्रक्रिया जारी है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी से पक्के घर का मालिक बनने वाले करोड़ों परिवारों की कहानी कुछ ऐसी ही है। कोई झोपड़ी में तो कोई शहर में झु्ग्गी में रहने को मजबूर था। लोग अपना घर पाकर आत्मविश्वास से भरपूर महसूस कर रहे है। उनका आत्म सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खुद कई मौकों पर कह चुके हैं कि अपना मकान मिलने की खुशी इसलिए भी ज्यादा होती है क्योंकि मकान सिर्फ ईंट, सीमेंट ये तैयार नहीं होता है बल्कि ये भावनाएं, आकांक्षाओं से जुड़ा होता है। घर की चार दीवारी लोगों को सुरक्षा प्रदान करती है। इससे बेहतर कल का भरोसा भी व्यक्ति के जीवन में आता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़